BY– THE FIRE TEAM
हिमाचल सरकार करुणामूलक नौकरियों के लिए 50 साल की आयु सीमा शर्त को हटाने की तैयारी में है। यह जानकारी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दी है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में यह शर्त जरूरी नहीं लगती है।
उन्होंने माना कि कई बार तो विवाह ही अब देरी से हो रहे हैं। ऐसे में आश्रित को करुणाूमलक लाभ दिया जा सकता है। अब तक केवल 50 साल से कम उम्र के कर्मचारी के देहांत पर ही ऐसी नौकरियां दी जाती हैं।
सोमवार को पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल के सरकारी विभागों और बोर्डों-निगमों में करुणामूलक आधार पर सरकारी नौकरियां देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। हालांकि सभी मामलों में एकाएक नौकरियां भी नहीं दिलाई जा पा रही हैं।
पहले जैसे साक्षात्कार भी नहीं होते:
इसके लिए कायदे-नियम आड़े आ रहे हैं। अब तो पहले जैसे साक्षात्कार भी नहीं होते। तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के साक्षात्कार लेने की प्रथा को खत्म कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक 50 साल की आयु से कम उम्र में ही देहांत पर करुणामूलक नौकरियां देने का प्रावधान है।
अब इस शर्त को खत्म करने का मामला विचाराधीन है। इस स्थिति में उन सभी कर्मचारियों के परिजनों को भी नौकरियां मिल सकती हैं, जिनकी मौत इस उम्र के बाद होती है। जयराम ठाकुर ने करुणामूलक नौकरियों के लंबित मामलों पर जल्दी विचार करने की भी बात की।
उन्होंने कहा कि बोर्डों-निगमों में भी करुणामूलक भर्ती के वहीं नियम हैं, जो विभागों में हैं। राजभवन में पहले भी मर्सीडीज कार थी और उसके बाद रिप्लेस करने के बाद ही नई मर्सीडीज ली जा रही है।
यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राजभवन के लिए ली जा रही मर्सीडीज मामले में कही। उन्होंने कहा कि इसमें ऐसा कुछ नहीं है कि इसे असामान्य तरीके से लिया जाए।