इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि तथा नेपाल सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहम्मद जाकिर हुसैन ने कहा कि
“पत्रकारों को चाहिए कि समाज में हो रही घटनाओं की सच्चाई को जनता के सामने लाएं, तभी उनकी विश्वसनीयता बनी रहेगी.”
हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि विश्वसनीयता ही पत्रकारिता का मूल धर्म है. यह बातें वह MSI इंटर कॉलेज बक्सीपुर में बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि राष्ट्र के प्रति अपने उत्तरदायित्वों का पालन करते हुए आम जनता की आवाज को बुलंद करना चाहिए. वहीं वरिष्ठ पत्रकार अरविंद राय ने कहा कि
“सुनी सुनाई बातों पर नहीं बल्कि घटनास्थल पर जाकर सही बातों का पता करके जब खबर बनाई जाती है तब विश्वसनीयता कायम रहेगी.”
वरिष्ठ पत्रकार धूर्जटी भूत भावन मिश्र ने कहा कि इस समय सामाजिक मूल्यों में तेजी से गिरावट आई है. उस से पत्रकारिता भी अछूता नहीं है.
फिर भी हमें अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन करते हुए दबे-कुचले व वंचितों की आवाज को जनता के सामने लाना चाहिये.
चौधरी कैफुलवरा ने कहा कि इस क्षेत्र में भी कई लोग फर्जी चैनल बनाकर शोषण करने का काम कर रहे हैं, ऐसे लोगों को बेनकाब करना चाहिए.
कश्मीर से आये मंजूर अहमद पख्तून ने बताया कि सोशल मीडिया पर बिना सत्यता का पता किए लोग खबरों को वायरल कर देते हैं, इससे बचने की जरूरत है.
राज्य मंत्री पुष्पदंत जैन ने कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा गया है. इसलिए उन्हें अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन निष्ठा पूर्वक करनी चाहिए.
सम्मेलन कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार डॉ. एसपी त्रिपाठी ने किया. कार्यक्रम के आयोजक इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष
सेराज अहमद कुरैशी ने आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किया. इस अवसर पर शिक्षा स्वास्थ्य, खेल और विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित उत्कृष्ट कार्य करने वालों को प्रशस्ति पत्र और शील्ड देकर सम्मानित किया गया.
इस अवसर पर सतेन्द्र मिश्रा उडीसा, गिरिराज सिंह, सलमान अहमद, रंजीत सम्राट, मंजूर पख्तून जम्मू-कश्मीर, सईद आलम खान (संपादक आगाज़ भारत न्यूज),
मनीष चौबे (एनएसडी टाइम्स), कबीर गिलानी, बिलाल भट्ट, सुरेश चंद्र गाँधी (स्वतंत्र प्रेस), अंजुम शहाब एडवोकेट, केपी सिंह, हाशिम रिजवी,
रामकृष्ण शरण मणि त्रिपाठी, राकेश मिश्रा, मनोज गिरि, मनोज तिवारी, अनवारुल हक आदि सैकड़ों पत्रकार उपस्थित रहे.