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नई दिल्ली: सहारा निवेशकों के लिए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. इस आदेश के बाद वर्षों से फंसा उनका पैसा अब जल्द मिल जाएगा.

दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने सेबी सहारा विवाद के 24000 करोड़ रुपये के फंड पर केंद्र की याचिका को मंजूरी दे दी. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी कि

सहारा-सेबी के 24 हजार करोड़ रुपये के फंड में से 5,000 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया जाए ताकि सहारा के निराश निवेशकों को उनका फंड वापस किया जा सके.

सहारा के निवेशकों के लिए राहत भरी खबर:

सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी मिलने के बाद इन निवेशकों की उम्मीद जग गई है. उम्मीद है कि सहारा के निवेशकों को जल्द ही उनका पैसा वापस मिल जाएगा.

आपको बता दें कि निवेशकों से धोखाधड़ी के एक दूसरे मामले में साल 2012 में बने सहारा-सेबी फंड में लगभग 24 हज़ार करोड़ रुपए जमा हैं.

सेबी-सहारा विवाद में फंसा पैसा:

सहारा सेबी विवाद के कारण खाते में जमा 24 हजार करोड़ रुपये का फंड फंसा हुआ है. दूसरी ओर निवेशक परेशान है.

निवेशकों की परेशानी को देखते हुए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिसमें 5 हजार करोड़ रुपये तुरंत जारी करने की अपील की थी.

कोर्ट ने इस याचिका को मंजूरी देते हुए 5 हजार करोड़ रुपये अलॉट करने का आदेश दिया है. इस फैसले से सहारा के 1.1 करोड़ निवेशकों को राहत मिलेगी.

मंगलवार को बाजार नियामक सेबी ने सहारा समूह की रियल एस्टेट कंपनी से 6.57 करोड़ रुपए की वसूली कर ली.

कंपनी के मुखिया सुब्रत रॉय सहारा पर सख्ती दिखाते हुए सेबी ने ये रकम वसूली है.

क्या है पूरा विवाद?

गौरतलब है कि सहारा का ये विवाद साल 2009 का है. सहारा की दो कंपनियां सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा इंडिया

रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन से जुड़े विवाद की शुरुआत उस वक्त हुई जब कंपनी ने अपना IPO लाने की पेशकश की. IPO के आते ही सहारा की पोल खुलने लगी क्योंकि

सहारा ने गलत तरीके से निवेशकों से 24,000 करोड़ की रकम जुटाई थी, जो सेबी के सामने आ गई. सेबी ने सहारा में कई अनियमितता पाई जिसकी जांच जब हुई तो बड़ा स्कैम सामने आया.

सेबी ने सहारा को निवेशकों को उनका पैसा ब्याज समेत लौटाने का आदेश दिया, बाद में मामला उलझता चला गया और आज भी सहारा के लाखों निवेशक अपने फंड का इंतजार कर रहे हैं.

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