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देवरिया: पूर्वांचल के देवरिया जिले से भाजपा ने रमापति राम त्रिपाठी जो सांसद थे, इस बार उनका टिकट काटकर शशांक मणि त्रिपाठी पर भरोसा जताते हुए चुनाव में उतारा है.

यदि पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात करें तो शशांक मणि का परिवार लंबे समय से भाजपा का समर्थक रहा है.

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यह देवरिया के पूर्व सांसद लेफ्टिनेंट जनरल श्री प्रकाशमणि त्रिपाठी के पुत्र हैं. ऐसा बताया जाता है कि शशांक मणि सामाजिक कार्यों में

बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं तथा विगत 10 वर्षों से भाजपा के साथ जुड़े हुए हैं. इन्होंने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा से टिकट की दावेदारी किया था किंतु नहीं मिल सका.

कांग्रेस के प्रवक्ता एवं दिग्गज नेताओं में गिने जाने वाले अखिलेश प्रताप सिंह को यहां से प्रत्याशी के रूप में उतारा है. 

वहीं बसपा ने अभी इस सीट पर अपने किसी भी प्रत्याशी का नाम नहीं खोला है. अखिलेश का जन आधार भी बहुत मजबूत है. यह कहा जा रहा है कि दोनों ही पार्टी के नेताओं में मुकाबला बड़ा ही दिलचस्प होगा.

कौन है शशांक मणि?

अपनी स्कूली शिक्षा लखनऊ के केल्विन तालुकदार कॉलेज से तथा आईआईटी दिल्ली से बीटेक, आईएमडी लुसान से एमबीए की पढ़ाई किया है.

शिक्षा पूरी करने के बाद इन्होंने समाज सेवा की तरफ अपनी रुचि दिखाई. उनके व्यक्तिगत चरित्र में लेखक का गुण है जिसके आधार पर

इन्होंने तीन पुस्तकें-‘भारत एक स्वर्णिम यात्रा’, ‘मेडल ऑफ डायमंड इंडिया’ तथा ‘इंडिया’ काफी चर्चित रही है.

वर्ष 2018 में जागृति यात्रा की शुरूआत किया तथा अपने पैतृक गांव बरपार में जागृति उद्यम केंद्र पूर्वांचल की नीव रखी.

उन्होंने बैतालपुर में कॉल सेंटर की स्थापना किया. आज उनकी संस्था ‘जागृति’ देवरिया, कुशीनगर, गोरखपुर, महाराजगंज सहित पूर्वांचल के कई जिलों में उद्यम को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है.

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