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आधुनिक जीवन शैली में फास्ट फूड का चलन जिस तरीके से बदला है, उसका दुष्प्रभाव हमें कई रूपों में देखने को मिल रहा है.

आजकल खाने-पीने की खराब आदतों तथा भागम भाग जीवन के कारण लोगों में गैस की समस्या बनती जा रही है. डाइजेस्टिव सिस्टम के ठीक ढंग से

काम ना करने के कारण अक्सर सीने में जलन की समस्या आमतौर पर लोगों में देखी जाती है. तेल मसाले वाली चीजों के खाने से एक तरफ कच्ची डकार आती है तो वहीं दूसरी तरफ मन भारी भारी सा रहता है.

मेडिकल भाषा में इसे गैस्ट्रोफिगल रिफ्लक्स डिजीज कहते हैं. जब यही रेसिड रिफ्लक्स क्रॉनिक बन जाता है तो इससे जीईआरडी की समस्या शुरू हो जाती है.

इसके कारण खाना खाने के बाद पेट का एसिड ऊपर की तरफ फूड पाइप में जाने लगता है जिसके कारण ऐसा लगता है कि कोई सीने/छाती को दबा रहा है.

क्या है इसका निदान?:

चिकित्सक इस बीमारी से निजात दिलाने के लिए एंडोस्कोपी के माध्यम से मरीज की जांच करते हैं हालांकि घरेलू उपचार भी जीईआरडी को ठीक करने में सहायक होते हैं.

जैसे-सोने का ठीक तरीका न होना, जब भी हम आराम करें तो बाई करवट सोएं ताकि पेट में बन रहे एसिड को ऊपर जाने के लिए

रास्ता नहीं मिल सके, ज्यादा तेल मसाले वाली चीजें को खाने से परहेज करें, भोजन को चबाकर खाएं, कोल्ड ड्रिंक,

जंक फूड, अल्कोहल, स्मोकिंग से दूर रहें तथा रोजाना एक्सरसाइज करें गर्म पानी का सेवन करें तो और कारगर सिद्ध होता है.

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