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BY-THE FIRE TEAM


1 दिसंबर का दिन हर साल विश्व एड्स दिवस (वर्ल्ड एड्स डे) के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन HIV/AIDS को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए कई तरह के प्रोग्राम किए जाते हैं.

ताकि लोग इस वायरस के प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूक हो सकें और मिथकों पर भरोसा ना करें. क्योंकि एचआईवी/एड्स वायरस जानलेवा है इसके बारे में सभी को मालूम है.

लेकिन इसके लक्षणों के बारे में भी मालूम होना चाहिए. यहां जानिए HIV/AIDS के लक्षणों और इसके तीन स्टेज के बारे में.

स्टेज – 1 

1. एचआईवी वायरस का पहला लक्षण 2 से 6 हफ्तों के बीच में दिखाई देने लगता है. इसमें शरीर का इम्यून सिस्टम बिगड़ने लगता है. इस अवस्था को एक्यूट रेट्रोवायरल सिंड्रोम या प्राइमरी एचआईवी इन्फेक्शन कहते हैं.

2. प्राइमरी एचआईवी इन्फेक्शन में वायरल फ्लू की ही तरह लक्षण जैसे सिर दर्द, डायरिया, उलटी, थकान, गले का सूखना, मसल्स में दर्द, सूजन, छाती पर लाल रैशेज़ और बुखार. यानी HIV के शुरुआती लक्षण फ्लू की ही तरह 1 से 2 हफ्ते रहते हैं.

3. अगर आपने किसी HIV पॉज़िटिव शख्स के साथ अनप्रोटेक्टिड सेक्स किया हो और उसके बाद इस तरह के वायरल फ्लू जैसे लक्षण हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.

क्योंकि कई बार डॉक्टर स्टेज वन में ही एंटी-एचआईवी ड्रग्स देकर आपको इस वायरस से बचा सकते हैं. इस ड्रग को PEP भी कहा जाता है.

स्टेज – 2 

1. अगर आपको एंटी-एचआईवी ड्रग्स देकर इस वायरस को खत्म किए जाने के बाद भी डॉक्टर जांच और दवाइयों पर जारी रख सकते हैं.

वहीं, कई केसेस में ज्यादातर लोगों में फ्लू वायरल जैसे लक्षण नहीं दिखाई देते और ना ही उन्हें कोई बीमारी महसूस होती है.

ऐसे में एचआईवी पॉज़िटिव शख्स को मालूम नहीं होता कि उससे ये इन्फेक्शन किसी और को भी हो सकता है. इस तरह की सिचुएशन लगभग 10 या उससे ज्यादा सालों के लिए हो सकती है.

2. जब फ्लू जैसे लक्षण ना हो और शख्स को मालूम ना हो कि उसे HIV वायरस ने घेरा हुआ है, तो ऐसी अवस्था में हर वक्त थकान, गले के आस-पास सूजन,

10 दिनों से ज्यादा बुखार, रात में पसीना आना, बेवजह वजन घटना, स्किन पर बैंगनी रंग के दाग, जल्दी-जल्दी सांसे आना, लंबे समय से डायरिया,

मुंह, गले या महिलाओं के गुप्तांग में यीस्ट इंन्फेक्शन और जरा सी चोट पर ज्यादा खून बहना जैसे लक्षण सामने आते हैं.

3. दूसरी स्टेज के दौरान (जिसने एंटी-एचआईवी दवाइयां ना ली हों) शरीर से CD4-T सेल्स और इम्यून सिस्टम दिन-ब-दिन खराब होता चला जाता है.

इस अवस्था में हर दिन कोई नई तकलीफ सामने आती रहती है. क्योंकि इम्यून सिस्टम बीमारियों से लड़ने की क्षमता खो देता है.

4. इस स्टेज के दौरान डॉक्टर की सलाह के मुताबिक दवाइयों और हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाकर HIV इन्फेक्शन को फैलने से रोका जा सकता है.

स्टेज – 3 

1. HIV वायरस के एडवांस और आखिरी स्टेज को AIDS (Acquired Immune Deficiency Syndrome) कहते हैं.

ये तब होता है जब आपके शरीर के CD4-T सेल्स के नम्बर 200 से भी कम हो जाते हैं. हेल्दी इम्यून सिस्टम वाले शख्स में CD4-T सेल्स की संख्या 500 से 1,600 के बीच में होती है.

2. एड्स डिफानिंग इलनेस वाले शख्स को AIDS से बचाया जा सकता है. एड्स डिफानिंग इलनेस में कापोसी सारकोमा और निमोनिया जैसी बीमारियां शामिल हैं.

3. डॉक्टर से मुताबिक अगर HIV वायरस बहुत ज्यादा फैला हुआ है तो AIDS से पीड़ित शख्स अगर दवाइयां नहीं लेता तो वो सिर्फ 3 साल तक ही जीवित रह पाता है.

लेकिन सही ट्रीटमेंट और हेल्दी लाइफस्टाइल लंबी लाइफ दे सकता है.

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