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BY-THE FIRE TEAM


प्राप्त सूचना के अनुसार भारत में आर्थिक अपराधों में वांछित उद्योगपति मेहुल चोकसी के एंटीगा की नागरिकता ख़रीदने के बाद से अन्य भारतीय अमीरों की विदेशी नागरिकता ख़रीदने में दिलचस्पी बढ़ी है.

द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक दुनिया भर में सबसे ज़्यादा चीनी और रूसी उद्योगपति विदेशी नागरिकता ख़रीदने के मामले में आगे थे, लेकिन अब भारतीय अमीरों की रूची इसमें बढ़ गई है.

मेहुल चोकसी ने भारत से फ़रार होने के बाद नवंबर 2017 में एंटीगा की नागरिकता हासिल कर ली थी. विदेशी नागरिकता और निवेश के ज़रिए नागरिकता परमिट,

दिलाने का काम करने वाली ब्रिटेन स्थित सलाहकार फ़र्म्स का कहना है कि चोकसी के प्रकरण के बाद से भारतीय अमीरों की दिलचस्पी इसमें बढ़ी है.

सोचने का पहलू यह है कि आख़िर विदेशों में बसने के लिए भारतीय इतने उतावले क्यों हैं ? अख़बार लिखता है कि चीन और रूस की तरह ही भारतीय भी लाइफ़स्टाइल, शिक्षा, परिवहन, शुद्ध हवा और स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरी के लिए ऐसा करना चाहते हैं.

हालांकि ऐसी फ़र्म्स ये भी दावा करती हैं कि वो नागरिकता के लिए किसी भी व्यक्ति का नाम तथा उसके बैकग्राउंड की पूरी छानबीन करने के बाद ऐसा करती हैं.

गौरतलब है कि है कि एक बार नागरिकता मिलने के बाद इसके रद्द किए जाने की संभावना बहुत कम होती है.

 

 

 

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