agazbharat

Gorakhpur: ‘दिशा छात्र संगठन’ और ‘स्त्री मुक्ति लीग’ की ओर से गोरखपुर विश्वविद्यालय में असिस्टेण्ट प्रोफ़ेसर द्वारा छात्रा के यौन उत्पीड़न के खिलाफ

गोरखपुर विश्वविद्यालय का मेन गेट बन्द कर नारेबाजी करके विरोध-प्रदर्शन किया गया तथा जुलूस निकालकर कुलपति को ज्ञापन सौंपा गया.

दिशा छात्र संगठन की अंजली ने कहा कि गोरखपुर विश्वविद्यालय छात्र-छात्राओं के लिए यातनागृह बन चुका है. अभी एक बेहद शर्मनाक घटना सामने आयी है

जहाँ स्नातक की एक छात्रा ने अपने विभाग के एक अस्सिटेंट प्रोफेसर पर यौन व मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए डीडीयू प्रशासन के साथ ही राज्यपाल,

प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा, राज्य महिला आयोग से शिकायत की है. इस घटना में एक अस्सिटेंट प्रोफेसर द्वारा स्नातक की छात्रा को परीक्षा में

पास करने का लालच देकर उसका यौन शोषण करने का प्रयास किया गया. जब छात्रा ने ऐसा करने से  मना किया तो उसको परीक्षा में फेल करने सहित जीवन बर्बाद करने की भी धमकी मिली है.

विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर द्वारा छात्रा के साथ ऐसा कृत्य निन्दनीय तथा हमारे समाज के पितृसत्तात्मक चरित्र को बेपर्द करने वाला है.

बताते चलें कि गोरखपुर विश्वविद्यालय में यौन उत्पीड़न की यह कोई पहली घटना नहीं है. ऐसी शर्मनाक घटनाएँ गोरखपुर विश्वविद्यालय समेत देशभर के विश्वविद्यालयों में आये दिन होती हैं.

अभी पिछले वर्ष जुलाई में भी एक विभागाध्यक्ष पर ऐसे गम्भीर आरोप लगे थे जिसकी शिकायत ऑडियो रिकॉर्डिंग और फोटो के साथ की गयी थी लेकिन उस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गयी.

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में स्नातक की छात्रा का प्राचीन इतिहास के प्रोफेसर अजय कुमार सागर के द्वारा यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है,

पाँच दिनों बाद छात्रों के दबाव में पुलिस प्रशासन को आरोपी के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज़ कराना पड़ा लेकिन अब कार्रवाई करने की जगह लगातार प्रशासनिक लीपापोती करने की कोशिश जारी है.

दिशा छात्र संगठन इस शर्मनाक घटना पर खेद प्रकट करके माँग करता है कि-

1. आरोपी शिक्षक को तत्काल बर्खास्त करके इनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर सख़्त से सख़्त कार्रवाई की जाये

2. ऐसे मामलों को संज्ञान में आते ही उनको गम्भीरता से लिया जाये और अविलम्ब जाँच-पड़ताल पूरी करके आरोपी को कठोरतम दण्ड मिले

3. विश्वविद्यालय में लड़कियों की निजता और सुविधा की दृष्टि से अलग हॉल और टॉयलेट्स खोले जायें और उनका उचित प्रबन्धन किया जाये

4. विश्वविद्यालय परिसर में आये दिन छेड़छाड़ व यौन उत्पीड़न की घटनाएँ होती हैं. ‘कमेटी अगेंस्ट सेक्सुअल हैरेसमेण्ट’ गठित किया जाय,

इसे जाँच व कार्रवाई की शक्ति दी जाय, इसकी एक हेल्पलाइन जारी कर सभी छात्र-छात्रओं को इससे अवगत कराया जाय.

इस विरोध-प्रदर्शन में अदिती, चन्दा, शालिनी, मनीष, सुधा, माया, दीपक, शेफाली, तृप्ति, विद्यानंद आदि शामिल हुए.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here