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मिली जानकारी के मुताबिक गरीबों, असहाय, शोषित व पीड़ितों के साथ सदैव कंधे से कंधा मिलाकर आवाज बुलंद करने वाले समाजसेवी तथा पूर्वांचल के गांधी डॉ संपूर्णानंद मल्ल लगातार अनशन करने के कारण बीमार हो गए हैं.

अभी कुछ दिनों पूर्व गोरखपुर जनपद के आसरा आवास में बिजली और पानी ना होने के कारण वहां के लोग त्राहि-त्राहि कर रहे थे.

इन्होंने जिलाधिकारी गोरखपुर को अवगत करा कर इन गरीब लोगों के लिए बिजली, पानी मुहैया कराने का आग्रह किया था, जिस क्रम में इन्होंने अनशन भी किया.

देर से ही सही प्रशासन जागा किंतु बहुत ही थोड़े समय के लिए. जीवन का मौलिक अधिकार है कि हम स्वच्छ पेयजल तथा वातावरण में रहे.

किंतु प्रशासन की लापरवाही का ही यह नतीजा है कि लोगों के बुनियादी संवैधानिक अधिकारों को भी देने में कोताही बरती जाती है.

डॉ मल्ल ने बताया कि जब आसरावासियों को गंदगी और प्रदूषित माहौल से नहीं बचाया जा सका तो गांधी जयंती के दिन 2 अक्टूबर, 2022 को 13 दिनों का अनशन करने के कारण बहुत कमजोर हो गया.

तब से लेकर अभी तक जनहित से जुड़े मुद्दों को लेकर मैं कई जगह अनशन पर रहा जिसके कारण मैं अभी पूरी तरीके से अस्वस्थ होने के कारण जिला सदर अस्पताल गोरखपुर के प्राइवेट वार्ड के कमरा नंबर 4 में अपना इलाज करा रहा हूं.

गांधी के इस देश में उनके बताए गए सत्याग्रह और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए जब मैं अपने लोकतांत्रिक अधिकार की मांग कर रहा हूं

तो ऐसे में गोरखपुर जिला अधिकारी महोदय द्वारा इसकी तनिक भी परवाह ना करना अत्यंत कष्टकारी लग रहा है. आसरा अपार्टमेंट में जहां बच्चे आज भी

प्रदूषित पानी पीने के लिए विवश हैं, वे कुपोषण, अकाल बीमारी तथा गंदगी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं. कई परिवार तो भयभीत होकर अपना आवास छोड़कर ही भाग गए हैं.

मै मांग करता हूं कि इस बेइंतहा जुर्म की न्यायिक जांच कराई जाए तथा दोषियों को चिन्हित करके सजा निर्धारित हो.

बताते चलें कि चलें कि यह ज्ञापन एसडीएम गोरखपुर, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गोरखपुर, सिटी मजिस्ट्रेट गोरखपुर, एसएसपी गोरखपुर को भी प्रेषित किया है.

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