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गोरखपुर: दिनांक 30 जुलाई, 2022 को रात्रि 19:30 बजे एक 11 वर्षीय बालक विश्वविद्यालय चौराहे पर ट्रैफिक में नियुक्त आरक्षी राज किशोर प्रसाद के पास आया

और बोला कि सर मै 4 दिन पहले गोरखपुर नौकायान घूमने अपने मामा के लड़के अनिल कहार के साथ आया था, हम दोनों नौकायान पर बिछड़ गए.

मैं 4 दिन से भूखा-प्यासा घूम रहा हूं. मेरे पास ₹1 तक नहीं है कि मैं कुछ खा सकूं. यातायात आरक्षी द्वारा इस सूचना को ITMS नगर निगम में कार्यरत यातायात पुलिसकर्मियों को इमरजेंसी

कॉल बॉक्स बटन (ईसीबी) के माध्यम से संपर्क कर सारी घटना का विवरण दिया गया तथा संबंधित की समस्या को देखते हुए

ईसीबी के माध्यम से कई बार अनाउंसमेंट किया गया एवं यातायात कर्मियों द्वारा भोजन व्यवस्था उपलब्ध कराया गया,

जिसके पश्चात जब उसका भाई नहीं मिला तो उसके संबंध में पुलिस अधीक्षक यातायात गोरखपुर को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया गया.

पुलिस अधीक्षक यातायात द्वारा पीड़ित बच्चे को आश्वासन दिया गया कि आप को सकुशल घर पहुंचा दिया जाएगा.

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आवश्यक जानकारी संकलित करने हेतु TI मनोज कुमार राय एवं ITMS में तैनात हेड कॉन्स्टेबल नौशाद एवं आरक्षी रितिक शुक्ला का मार्गदर्शन किया गया.

दिए निर्देशों के क्रम में एस पी ट्रैफ़िक के नेतृत्व में पीड़ित के स्थान विवरण को पता करके संबंधित थाने के

पीआरबी 2565 से संपर्क स्थापित करते हुए पीड़ित के पिता को सूचना दिया गया कि आपका पुत्र जो खोया था वह मिल गया है.

इस बात को सुनकर पिता रोने लगे तथा निवेदन करने लगे कि साहब उसे अपने पास रखिए कहीं जाने मत दीजिए, मैं आ रहा हूं.

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रात्रि 11:45 बजे से पीड़ित के गांव वाले  और उसके पिता लेने आए. यातायात निरीक्षक मनोज राय द्वारा अपने संरक्षण में रखते हुए संबंधित परिजनों को सुपुर्द किया गया.

इस प्रकार गोरखपुर यातायात पुलिस ने मानवीय मूल्यों का निर्वहन करते हुए बिछड़ों को मिलाने में अहम भूमिका अदा करके उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है.

यातायात पुलिस के इस सराहनीय कार्य की चर्चा चहुँओर संपूर्ण जनमानस द्वारा किया जा रहा है.

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