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गोरखपुर: महामानव बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 133वीं जयंती पर ‘पूर्वांचल गांधी’ कहे जाने वाले डॉ संपूर्णानंद मल्ल ने राष्ट्रपति

तथा प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मांग किया है कि उन्हें उनके हिस्से का लोकतंत्र वापस किया जाए. आपको याद दिलाते चलें कि इन्होंने 100 से अधिक

पत्र राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित अनेक जिम्मेदारों को अवगत कराया है, देश में बढ़ रही महंगाई, शिक्षा, चिकित्सा, रेल, संचार को मुफ्त

करने की माँग के साथ ही निजी गाड़ियों पर लिए जा रहे बेतहाशा टोल टैक्स को समाप्त करने की मांग भी करते रहे हैं.

किंतु ऐसा लगता है कि आज की भाजपा सरकार अंग्रेजी सरकार से भी अधिक क्रूर हो चुकी है. तभी तो अपने ही देशवासी के जन मुद्दों से जुड़े पत्रों का जवाब देने से कतराती रही है.

पूर्वांचल गांधी ने स्पष्ट शब्दों में पीएम नरेंद्र मोदी को आगाह करते हुए लिखा कि मुझे तिरंगा उठाने के लिए विवश मत करिए.

मैं गांधी के सत्य, अहिंसा तथा भगत सिंह के समाजवाद, अंबेडकर के संविधान के साथ यदि सड़क पर उतर जाऊंगा तो आपके झूठ,

नफरत,  बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई, बलात्कार, मंदिर, मदिरालय पर आधारित आपकी सत्ता  का पता पतन हो जाएगा. 

यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री जेड प्लस, एसपीजी सुरक्षा के साथ झूठ-सच लोगों तक परोस रहे हैं.

उनका जो वास्तविक ‘सच’ है वह लोगों के सामने रख दूंगा, मुझे सिर्फ इतनी सुरक्षा चाहिए कि गोडसे मेरी हत्या न कर दें.

गांधी जी यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने सरकार द्वारा मनाये जा रहे अमृत काल पर भी प्रश्न उठाते हुए कहा कि जिस देश में 5 किलो अनाज में

80 करोड़ लोग अपने जीवन की तलाश कर रहे हैं, 22 करोड़ कुपोषित हैं जिनके पास एक पैसे नहीं हैं कि वे दाल, तेल, चीनी, दवा जिस पर जीएसटी लगी हुई है-कैसे खरीदेंगें.?

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