Jammu & kashmir: भले ही केंद्र की भाजपा सरकार जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म कर दिया हो
किंतु इसके विरुद्ध जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक पार्टियों इस बदलाव को पचा नहीं पा रही हैं. शायद यही वजह है कि जब तब इस पर कोई ना कोई बयानबाजी सामने आ ही जाती है.
ताजा मामला जम्मू-कश्मीर में होने वाले चुनाव को लेकर के है जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा
अपने पहले काम के रूप में क्षेत्र से राज्य का दर्जा और विशेष दर्जा छीनने वाली केंद्र सरकार के फैसले के विरुद्ध प्रस्ताव पारित करेगी.
आपको यहां बताते चलें कि वर्तमान में हरियाणा और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं जिसमें जम्मू कश्मीर क्षेत्र में तीन चरणों के अंतर्गत चुनाव संपन्न होंगे.
18 और 25 सितंबर तथा 1 अक्टूबर को यहां वोटिंग कराई जाएगी जबकि मतगणना 4 अक्टूबर को होने वाली है. जम्मू- कश्मीर में चल रही आंतरिक गड़बड़ियों की वजह से 19 दिसंबर, 2018 से ही यहां राष्ट्रपति शासन लागू है.
उमर अब्दुल्ला ने तो यहां तक ऐलान कर दिया है कि जब तक जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल नहीं हो जाता है तब तक वह चुनाव में भाग नहीं लेंगे. हालांकि उनके पिता फारूक अब्दुल्लाह जो नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख हैं, होने वाले चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करेंगे.