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समाज के लोगों से गहरा मर्म रखने वाले, शोषण और अत्याचार के विरुद्ध अकेले ही तिरंगा झंडा और संविधान लेकर प्रदर्शन करने के लिए चर्चित

‘पूर्वांचल के गांधी’ कहलाने वाले डॉ संपूर्णानंद मल्ल ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को पत्र लिखते हुए बताया है कि वह 21 मई को दिल्ली के जंतर मंतर पर संविधान सत्याग्रह करेंगे.

अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि एक तरफ बेटियां जिन्होंने दुनिया में भारत का तिरंगा फहरा कर सम्मान बढ़ाया, वे आज अपने साथ हुए यौन शोषण के विरुद्ध दिल्ली की सड़कों पर हैं.

दूसरी तरफ दिल्ली सहित देश में बड़े पैमाने पर विदेशी मदिरा की मॉडल शॉप खोलने वाले प्रधानमंत्री एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री सत्ता में क्यों? मदिरा की मॉडल शॉप बंद करें या सत्ता छोड़ दें.

देश में “रूल आफ लॉ” जस्टिस “कॉन्स्टिट्यूशन”नहीं है. ऐसा अपराधी जिसपर टाडा, POCSO, सहित 40 अपराधिक धाराएं लगी है, का कहना है “प्रधानमंत्री कहेंगे तो इस्तीफा दूंगा.

रेसलर्स बेटियों का शांतिपूर्ण आंदोलन जैसे-जैसे फैल रहा है सिस्टम के प्रति लोगों में असंतोष बढ़ रहा है. बृजभूषण सिंह की तरफ से

“काउंटर रिएक्शन” में भय पैदा करने” गंदे” नफरती पंथीय” अलगाववादी “जाति सूचक बयान दिए जा रहे हैं, इससे तनाव पैदा हो रहा है. जेल भेजने में हो रही देर “रूल ऑफ लॉ का फेल्योर है.

WFI के पदाधिकारियों के चयन में भ्रष्टाचारी, व्यभिचारी, बलात्कारी क्रिमिनल्स क्यों? जब बार एसोसिएशन का पदाधिकारी बार का कोई वकील ही बन सकता है.

तब रेसलर फेडरेशन में बाहर के गुंडे, व्यभिचारी, बलात्कारी क्यों? फेडरेशन के सभी पदाधिकारी पहलवानों में से ही चयनित किए जाँय जो वरिष्ठता क्रम के अनुसार 3 वर्ष के हों.

महिला रेसलर फेडरेशन में केवल महिला सदस्य रखी जाए. इसका फायदा यह होगा कि चयन में गुंडागर्दी एवं शक्ति प्रदर्शन समाप्त हो जाएगा और भविष्य में महिला रेसलर्स का यौन शोषण रुक जाएगा.

डेमोक्रेसी” के लिए डिसिप्लिन’ उतनी उतना ही जरूरी है जितना “जीवन के लिए आहार.” विधायिका में आज कुछ को छोड़कर शेष चोर, लुटेरे,

व्यभिचारी, बलात्कारी, क्रिमिनल, सांप्रदायिकता फैलाने वाले, जातीय जहर घोलने वाले हैं. इनकी सत्ता की भूख ने आजादी के 75 वर्ष बीतते-बीतते भारतीय लोकतंत्र को “लूटतंत्र”में बदल दिया.

मैं जानता हूं इनको सत्ता से हटाए बिना भारत से बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई, सांप्रदायिकता, जातिवाद समाप्त नहीं कर सकते क्योंकि इन्होंने ही इन समस्याओं को पैदा किया है.

शिक्षा, चिकित्सा, नि:शुल्क नहीं कर सकते क्योंकि इन्होंने ही इसे बिक्री की वस्तु बनाई है. सत्ता के भूखे मुट्ठी भर ‘अनुशासनहीनो’ ने भारत को कहाँ पहुंचा दिया?

लगता ही नहीं यह भगत सिंह के समाजवाद, गांधी के सत्य, अहिंसा आधारित स्वराज, अंबेडकर के संविधान” का देश है.

सत्ता के शिकारियों, बहेलियों ने भारत रूपी “सुनहरे पक्षी” के पंख नोच लिए हैं. विभिन्न गिरोह बंद दल और उनके दलाल भारत को ऐसे लूट रहे हैं मानो आक्रांता, लुटेरे हों.

बेशर्म” जहाजों एवं महंगी गाड़ियों से चुनाव प्रचार करते हैं जिनके वोट से विधायिकाओं में पहुंचते हैं उनकी चमड़ी उधेड़ लेते हैं.

मुझे गाली देने एवं जान से मारने की धमकी देने वालों में अनुशासन कितना है, मैं नहीं जानता. परंतु यह जानता हूं भारत सभ्यताओं के उदय से ही एक अलग पहचान के साथ मौजूद है.

मैं रहूं न रहूं भारत कल भी रहेगा क्योंकि यह बुद्ध, कबीर, नानक, रहीम, विवेकानंद अंबेडकर और गांधी का देश है.

महामहिम को लिखे पत्र में बताया कि मैं एक ऐसे भारत का सृजन चाहता हूं जिसमें लोगों से बना लोकतंत्र” हो, अंबेडकर का संविधान,

“भगत सिंह का समाजवाद और गांधी का स्वराज हो. इसलिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर 21 मई, 2023 “मेकर ऑफ मॉडर्न इंडिया”

राजीव गांधी की शहादत दिवस पर “संविधान सत्याग्रह” सत्यपथ” प्रारंभ करूंगा. यह गांधी के सत्य अहिंसा पर आधारित होगा.

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