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बीते दिनों नोएडा में समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव द्वारा निषाद पार्टी के प्रमुख डॉ संजय निषाद पर दिए गए आपत्तिजनक बयान को लेकर

निषाद पार्टी के मा० विधायक ई० सरवन निषाद के नेतृत्व मा० विधायक मेहदावल अनिल त्रिपाठी, मा० विधायक ज्ञानपुर विपुल दुबे, मा० विधायक शाहगंज रमेश सिंह,

मा० विधायक खड्डा विवेकानंद पांडेय, मा० विधायक नौतनवां ऋषि त्रिपाठी, मा० विधायक मझवा विनोद बिंद, मा० विधायक तमकुहीराज डॉ असीम राय,

मा० विधायक बांसडीह केतकी सिंह, मा० विधायक जयसिंहपुर (सुल्तानपुर) राज बाबू उपाध्याय, समेत सैकड़ों की संख्या में निषाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने

समाजवादी पार्टी सुप्रीमो के खिलाफ पैदल मार्च निकालकर उनके द्वारा दिये गए शब्दों को वापस लेने की मांग किया है.

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निषाद जी ने कहा कि निषाद पार्टी सुप्रीमो केवल एक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नही हैं बल्कि वह उत्तर प्रदेश के 18 फीसदी मछुआ आबादी के सड़क से लेकर सदन तक नुमांइदे हैं. मछुआ समाज के हक-हकूक की बातों को सड़क से सदन तक में उठाने का कार्य करते हैं.

ऐसे  व्यक्ति को सपा अध्यक्ष ने आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करके पार्टी ही नहीं मछुआ समाज को भी को भी ठेस पहुँचाया है.

हम मांग करते हैं कि सपा अध्यक्ष अपने दिए गए बयान को वापस लें अन्यथा वो दिन दूर नहीं है कि समाजवादी पार्टी के लोगों को मछुआ समाज गाँव मे घुसने नहीं देगा.

निषाद पार्टी के सभी 10 विधायक सदन में भी सपा अध्यक्ष के बयान के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र मणि निषाद ने कहा कि

“अखिलेश यादव को अपने दिए गए बयान को लेकर माफी मांगनी चाहिए क्योंकि यह मछुआ समाज का अपमान है.”

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उत्तर प्रदेश की 18 फीसदी आबादी के नेता हैं और इस बात को अखिलेश यादव भी अच्छे से जानते हैं.

उन्होंने कहा कि कोई इस घमंड में ना रहे कि गोरखपुर उप चुनाव 2018 उनकी पार्टी या यादव समाज के वोट से जीतें हैं. 2018 की जीत डॉ संजय निषाद और निषाद समाज की जीत थी.

आज हमारे नेता को अपमानित किया जा रहा है तो ऐसे में मछुआ समाज 2024 में समाजवादी पार्टी सुप्रीमों को लोकसभा में 04 से शून्य पर लाने का काम करेगा.

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