स्वतंत्र मजदूर यूनियन का आज का विशाल मोर्चा मा. जे. एस. पाटील साहेब के नेतृत्व में पुरानी पेंशन बहाली, निजीकरण, आउटसोर्सिंग के खिलाफ विशाल विरोध प्रदर्शन किया गया.
इसमें इतनी अधिक मात्रा में भीड़ थी कि कामगारों की गिनती नहीं की जा सकती थी. इतना विशाल मोर्चा था जिसका न आदि था न अंत.
आज महाराष्ट्र के इतिहास में संगठित और असंगठित कर्मचारी-कामगारों का इतना विशाल मोर्चा कभी नहीं हुआ था.
आज के मोर्चे में शामिल होकर स्वतंत्र मजदूर यूनियन के सभी अंबेडकराइट आंदोलनकारियों ने इतिहास रच दिया.
हर तानाशाही के खिलाफ आवाज उठनी चाहिए, आवाज हो इतनी ऊंची कि तानाशाही की ये दीवारें हिलनी चाहिए
तानाशाही के खिलाफ आवाज बुलंद होनी चाहिए, बंदूक और हथियार बाद में उठाना, पहले तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाना सीखो.
इस तरह की कविताओं के माध्यम से कामगारों ने अपने अधिकार की बात कही है.