मथुरा: योगी मोदी की फोटो कूड़ा गाड़ी में ढोने पर सफाई कर्मी की गई नौकरी किसी समय हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सफाई कर्मियों का पैर धोकर उन्हें सम्मान दिया था.
आज उन्हें पार्टी की सरकार जो उत्तर प्रदेश में है के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पुरानी फोटो को मथुरा में एक सफाई कर्मचारी द्वारा कूड़े में
ले जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद ना केवल उसे गिरफ्तार किया गया बल्कि उसकी नौकरी भी छीन ली गई.
वीडियो बनाने वाले व्यक्ति ने सफाई कर्मी से पूछा मथुरा में मुख्यमंत्री का फोटो डस्टबिन में आपने ऐसा क्यों किया साथ में पीएम नरेंद्र मोदी का भी फोटो इसी कुडे़ के ढेर में पड़ा था.
इस घटना के बाद कई तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिल रहु हैं जाने-माने पत्रकार अजीत अंजुम ने ट्वीट करते हुए कहा कि-
“सीएम योगी मथुरा के इस गरीब सफाई कर्मचारी का इतना बड़ा कसूर नहीं था कि उसकी नौकरी ले ली जाए. संविदा पर मात्र 5,000 की
नौकरी करने वाले दुलीचंद का परिवार अब कैसे चलेगा सर.? सफाई कर्मचारी का पैर धोने वाले नरेंद्र मोदी भी ध्यान दें.”
वहीं समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरूल हसन चांद ने इसे भाजपा की राजशाही बताते हुए देश में अघोषित इमरजेंसी लगाने का आरोप लगाया है.
अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या पुरानी तस्वीरों को कूड़े गाड़ी में ले जाना इतना बड़ा अपराध है कि उस संविदा कर्मी को के ऊपर अपराधी होने का टैग लग गया.?
क्या अपनी नौकरी बचाने के लिए अब उसे कचहरी के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे.? इस तरह की घटनाएं इस बात का साक्ष्य देती हैं कि देश में भारत के लोगों से सरकार नहीं बल्कि सरकार द्वारा लोगों को उनकी उंगली पर नचाया जा रहा है.
कहने का अर्थ यह है कि लोकतंत्र में लोक को तंत्र चलाने वालों से नीचे दिखाना कितना शर्मनाक है, इसका विश्लेषण करने की जरूरत है.