BY- THE FIRE TEAM


नई दिल्‍ली। सीबीआई बनाम सीबीआई की लड़ाई में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए रिश्‍वत के आरोप में फंसे सीबीआई डायरेक्‍टर आलोक वर्मा को क्लिनचिट दे दी है।

वर्मा के खिलाफ ये आरोप राकेश अस्‍थाना ने लगाए थे। इस मामले में जांच सुप्रीम कोर्ट ने सीवीसी को सौंपी थी। सीवीसी ने 12 नवंबर को सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। आज इस मामले में सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्‍टाचार के आरोपों से सीबीआई डायरेक्‍टर आलोक वर्मा को पूरी तरह से बरी कर दिया है।

शीर्ष अदालत के इस फैसले से आलोक वर्मा को बड़ी राहत मिली है जबकि राकेश अस्‍थाना की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

जांच में वर्मा के खिलाफ नहीं मिला सबूत सीबीआई डायरेक्‍टर आलोक वर्मा पर रिश्वतखोरी का आरोप स्‍पेशल डायरेक्‍टर राकेश अस्‍थाना ने लगाया था। इसके बाद सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा और जांच एजेंसी में नंबर दो राकेश अस्थाना को केंद्र सरकार ने 23 अक्टूबर को छुट्टी पर भेज दिया गया था।

दोनों ने ही इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की है। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी में चल रही अंदरूनी लड़ाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने वर्मा को क्‍लीनचिट दे दी है।

सीवीसी को जांच के वर्मा के खिलाफ सबूत नहीं मिले और चार दिन पहले केंद्रीय सतर्कता आयोग ने कोर्ट को दो सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आज के लिए सुनवाई टाल दी थी।

बता दें कि सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी की अगुवाई में बनी समिति के समक्ष एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और खुद का बचाव किया था।

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