BY-  THE FIRE TEAM


प्रदेश सरकार ने नक्शे के बाहर डेबिएशन करने वाले भवन मालिकों को बड़ी राहत दी है। हिमाचल में 16 नवंबर, 2017 से पहले 10 फीसदी तक के डेबिएशन वाले भवन नियमित होंगे।

प्रदेश सरकार ने टीसीपी और शहरी निकायों को इन मामलों को कंसीडर कर लोगों को कंप्लिशन देने के निर्देश दिए हैं।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अवैध निर्माण पर चिंता जताई थी, इसके बाद टीसीपी और शहरी निकायों ने हिमाचल में 10 फीसदी तक की डेबिएशन पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। विधि विभाग ने तर्क दिया है कि एनजीटी के आदेश 16 नवंबर, 2017 के बाद आए हैं।

ऐसे में पुराने मामलों को पुरानी फीस के साथ कंसीडर किया जा सकता है। ऐसे में प्रदेश सरकार की ओर से 11 अक्तूबर को निदेशक टीसीपी, नगर निगम शिमला और अन्य निकायों को आदेश जारी किए हैं।

अब भवन मालिकों से 10 फीसदी तक की डेबिएशन की राशि पुरानी दरों में ही वसूल की जाएगी। हिमाचल में हजारों ऐसे भवन मालिक है जिन्होंने टीसीपी से नक्शा पास कराने के बाद 5 से 10 फीसदी तक डेबिएशन कर ली थी।

ऐसे में इन लोगों को बिजली और पानी के लिए टीसीपी और शहरी निकायों से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिल रही थे। अब प्रदेश सरकार की ओर से जारी नए आदेशों के चलते इन्हें राहत मिल सकेगी।

टीसीपी निदेशक राजेश्वर गोयल ने कहा कि सरकार की ओर से पुराने मामलों में डेबिएशन को लेकर स्पष्टीकरण आया है। इसे टाउन प्लानर को भेजा गया है।

प्रदेश सरकार का कहना है कि अगर डेबिएशन ज्यादा है और मौके पर जाने वाले जूनियर इंजीनियर इसे कम दर्शाते हैं तो प्रदेश सरकार भवन मालिकों पर नहीं बल्कि जूनियर इंजीनियर पर कार्रवाई करेगी।

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