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BY-THE FIRE TEAM

  • केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार देश में एक करोड़ रुपये से अधिक की घोषित आय वाले व्यक्तिगत करदाताओं की संख्या 81,000 से भी अधिक हो गई है.
  • आपको बता दें कि यह 2017-18 तक 68 प्रतिशत बढ़कर 81,344 पर पहुंच गई. इसी तरह सीबीडीटी की इस रपट के अनुसार ,‘‘एक करोड़ रुपये से अधिक की सालाना आय वाले कुल करोड़पति करदाताओं (कंपनियों, फर्में, हिंदू अविभाजित परिवार और व्यक्तिगत करदाता) की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हुई है.”
  • इस दौरान उनकी संख्या में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. कुल करदाताओं की संख्या (कॉरपोरेट, फर्में, हिंदू अविभाजित परिवार और अन्य) की संख्या में तीन साल में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है.
  • सीबीडीटी ने कहा कि आकलन वर्ष 2014-15 में एक करोड़ रुपये से अधिक की आय का खुलासा करने वाले करदाताओं की संख्या 88,649 थी. वहीं 2017-18 में यह बढ़कर 1,40,139 हो गई.
  • यह 60 प्रतिशत की वृद्धि है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि ताजा आंकड़ों में तीन साल की अवधि को शामिल किया गया है. आकलन वर्ष 2014-15 को आधार वर्ष माना गया है.
  • सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने कहा कि यह आंकड़ा पिछले कुछ साल के दौरान कर विभाग द्वारा किए गए विधायी, सूचनाओं के प्रसार और प्रवर्तन/ अनुपालन के प्रयासों की वजह से हासिल हो पाया है.
  • उन्होंने कहा कि इस दौरान विभाग ने प्रौद्योगिकी आधारित कर चोरी रोकने के कई कदम उठाए हैं. चंद्रा ने कहा कि हम देश में कर आधार और बढ़ाने को प्रतिबद्ध हैं.
  • आंकड़ों के अनुसार पिछले चार वित्त वर्षों में आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों का आंकड़ा भी 80 प्रतिशत बढ़ा है. 2013-14 में यह 3.79 करोड़ था, जो 2017-18 में 6.85 करोड़ हो गया.

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