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 BY-THE FIRE TEAM

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मशहूर कथक डांसर पुलकित महाराज को धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है.

पुलकित खुद को प्रधानमंत्री का आध्यत्मिक गुरु बताकर अलग-अलग राज्यों में वीआईपी प्रोटोकॉल लेता था और रहने से लेकर खाने तक की व्यवस्था करवाता था. उसकी शिकायत खुद प्रधानमंत्री कार्यालय ने की थी.

क्राइम ब्रांच के एडिशनल सीपी राजीव रंजन के मुताबिक इसी साल अगस्त के महीने में प्रधानमंत्री कार्यालय से असिस्टेंट डायरेक्टर की तरफ से शिकायत मिली थी कि पुलकित महाराज नाम का एक शख्स खुद को प्रधानमंत्री का आध्यात्मिक गुरु बताकर अफसरों पर रौब जमाता है और अलग-अलग राज्यों में वीआईपी प्रोटोकॉल के अलावा रहने से लेकर खाने तक की सुविधाएं हासिल करता है.

पुलकित ने कला और संस्कृति मंत्रालय के सचिव के नाम से सीतापुर के डीएम को एक पत्र लिखा और खुद को मंत्रालय का डायरेक्टर बताते हुए सीतापुर दौरे के दौरान वीआईपी प्रोटोकॉल और सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कहा.

एक अप्रैल, साल 2018 को पुलकित महाराज सीतापुर भी गया, जहां उसे पुलिस और प्रशासन ने वीवीआईपी प्रोटोकॉल और सिक्योरिटी भी मुहैया करवाई थी.

लेकिन, कलेक्टर को शक हुआ तो उन्होंने इस बात की शिकायत तुरंत मंत्रालय को की.

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पीएमओ की तरफ से जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गईं. इन्वेस्टीगेशन में पता चला कि सीतापुर के डीएम को भेजा गया मंत्रालय का लेटर हेड फर्जी है.

अगस्त से इस मामले की जांच शुरू हुई तो पता चला कि पुलकित ने अलग-अलग मंत्रालयों के फर्जी लेटर हेड पर पत्र लिखकर कई राज्यों में इसी तरह वीआईपी सुविधाएं ली हैं और स्टेट गेस्ट रहा है.

उस पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कर एक महीने की जांच के बाद शुक्रवार को सुबह कथक गुरु पुलकित महाराज को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया.

गिरफ्तारी के वक्त पुलकित महाराज अपने साहिबाबाद स्थित घर पर मौजूद था. पुलिस को जांच के दौरान पता चला है कि इसकी बहन पारुल भी इसके साथ ही रहती है.

मंत्रालय के फर्जी लेटर हेड पर पारुल पुलकित महाराज की सचिव बनी हुई थी. इतना ही नहीं, पुलकित महाराज दिलशाद गार्डन इलाके में आलिंगन वेलफेयर सोसाइटी के नाम से डांस एकेडमी और अपना एक आध्यत्मिक सेंटर भी चलाता है.

उसका दावा है कि वहां 2500 से ज्यादा बच्चे कथक सीखने आते हैं. उसके विदेश में भी सेंटर और हज़ारों शिष्य हैं. फिलहाल, यह कथक गुरु पुलकित महाराज अब पांच दिनों के लिए क्राइम ब्रांच की रिमांड पर हैं.

अब पुलिस यह जानने की कोशिश करेगी कि आखिर कैसे यह अलग-अलग मंत्रालयों के फर्जी दस्तावेज तैयार करता था और क्या इसकी सांठ-गांठ मंत्रालयों के अधिकारियों से भी थी ?

साथ ही पुलिस इस फर्जीवाड़े में उनकी बहन पारुल की भूमिका की छानबीन भी कर रही है.

पुलकित ने यूट्यूब पर अपनी एक 42 मिनट की आत्मकथा का वीडियो भी डाला है जिसमें वह दावा कर रहा है कि ‘जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उसकी मुलाकात उनसे एक कार्यक्रम में हुई थी और वे मेरे कायल हो गए.

मैंने मोदी से कहा कि आप देश के प्रधानमंत्री जरूर बनोगे.’ ऐसे ही उसका दावा है कि- उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री ने सीएम उसी के कहने पर बनाया.

कौन है पुलकित महाराज 

पुलकित मूलरूप से यूपी के चंदौसी का रहने वाला है. पुलकित की पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत दर्जनों वीआईपी और वीवीआईपी के साथ तस्वीरें भी हैं, जो सही बताई जा रही हैं.

पुलकित महाराज का आध्यात्मिक गुरु बनने तक का सफर काफी लंबा और उतार चढ़ाव भरा रहा है. वर्ष 2006 में गुजराज के अंबे मंदिर में मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने जब इसने  एक कलाकार के तौर पर नवरस की प्रस्तुति दी तो इसे देखकर देख नरेंद्र मोदी मंत्रमुग्ध हो गए थे.

अतः कार्यक्रम के अंत में भाषण देने के दौरान उन्होंने पुलकित महाराज को दो दिनों के लिए अपने आवास पर रहने को न्यौता दिया.

पहले तो उन्हें यकीन नहीं हुआ, लेकिन जब वाकई में उनके द्वारा भेजे गए व्यक्ति से उनके घर तक ले जाने का इंतजाम किया गया तब इसकी पुष्टि हुई.

पुलकित महाराज ने उनसे कहा था कि जब आप मुख्यमंत्री होकर समाज के लिए इतना कर रहे हैं तो प्रधानमंत्री बनकर आप देश की ज्यादा सेवा कर सकते हैं, हालाँकि उस दिन नरेंद्र मोदी ने उनसे हंसकर बात को टाल दिया.

वर्ष 2013 में मोदी जी ने उन्हें कॉल कर बुलाया और प्रधानमंत्री पद के दावेदारी पेश करने से पहले सुंदरकांड कराया जिसके बाद आज परिणाम सभी के सामने है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुलकित के विवाह में शामिल हुए तथा उनको तोहफे के रूप में मंत्रालय में जगह दी. विवाह के तीन माह बाद ही पीएमओ कार्यालय से उनके पास कला संस्कृति मंत्रालय में पद देने का पत्र आ गया.

जिसके बाद उन्होंने मंत्रालय में पहुंच प्रधानमंत्री के साथ मिलकर सेवा करना शुरू कर दिया.

अमेरिका से आई नेत्रहीन युवती असवरी को भारतीय कत्थक नृत्य को सीखने के लिए रुचि थी.इसको प्रशिक्षण देने के लिए पुलकित महाराज को राष्ट्रपति द्वारा भारत गौरव का सम्मान दिया गया था.

आपको बताते चलें कि असवरी ने भारत आने से पहले अन्य कई गुरु से प्रशिक्षण पाने के लिए संपर्क किया, लेकिन उसके नेत्रहीन होने के चलते उसे बिरजू महाराज तक ने प्रशिक्षण देने से मना कर दिया.

जिसके बाद वह पुलकित के पास पहुंची, उन्होंने उसे एक बड़ी चुनौती की तरह लिया और पूरे तीन वर्ष तक उसे लगातार प्रशिक्षण देकर नृत्य में निपुण कर दिया.

आज वह कनाड़ा में भारतीय नृत्य को अन्य लोगों को सीखा रहीं हैं. उनके इस कार्य को देखते हुए ही उन्हें राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने भारत गौरव के सम्मान से सम्मानित किया.

 

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