BY-THE FIRE TEAM
बीजेपी के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किए जाने को सही ठहराया. इसके साथ-साथ उन्होंने इसी तर्ज पर बिहार के कुछ शहरों का भी नाम बदले जाने की मांग सोमवार को उठाई.
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, ‘योगी जी ने यह कदम (इलाहाबाद का नामकरण प्रयागराज करने का) अच्छा उठाया है. वह धन्यवाद के पात्र हैं.
‘ उन्होंने कहा, ‘मैं आपसे पूछता हूं कि आपके घर पर कोई कब्जा कर ले और जब आप सामर्थ्यवान होंगे तो क्या अपने घर का नाम उसी का रहने देंगे.’
गिरिराज सिंह ने कहा, ‘मैं तो मांग करूंगा कि पूरे देश में, बिहार में भी जो नाम मुगलों के नाम से जुड़ा है, उन नामों को हटाया जाना चाहिए. जिसका एक उदाहरण बख्तिायरपुर है.’
आपको बता दें कि बिहार की राजधानी पटना के बाहरी इलाके में स्थित बख्तियारपुर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जन्मस्थान है. माना जाता है कि दिल्ली के सुल्तान कुतुबुद्दीन एबक के निर्देश पर बख्तियार खिलजी के नाम पर इस जगह का नाम बख्तियारपुर रखा गया था, जिसने बिहार पर आक्रमण किया था.
गिरिराज सिंह ने कहा, ‘भारत में कोई भी मुगलों का वंशज नहीं है. सभी राम के वंशज और भारतीय हैं.‘ बिहार में भाजपा के साथ सत्ता में शामिल जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि यह देश हिंदू, मुसलमान, सिख और ईसाई सभी का है.
कुछ लोग बयानबाजी कर देश और समाज को बांटना चाहते हैं. ऐसे लोगों से देश सजग है. उन्होंने गिरिराज सिंह को बड़ा भाई बताते हुए उन्हें बख्तिायरपुर का इतिहास जानने का सुझाव दिया और कहा कि उसके बाद नाम बदलने की बात करें.
संजय ने कहा कि जहां तक गिरिराज सिंह का सवाल है, वह केंद्र में मंत्री हैं. उन्हें देश में मंहगाई, किसानों की समस्या और बेरोजगारी की बात करनी चाहिए.
उधर, राजद प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने गिरिराज के बयान पर प्रतिक्रिया में कहा कि यह मुगलों की धरती नहीं बल्कि राम-रहीम की धरती है तथा सभी उन्हीं के वंशज हैं.
उन्होंने केंद्रीय मंत्री पर आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस तरह का विवादित बयान देने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे लोग देश को बांटना चाहते हैं.
राजग छोड़कर राजद के साथ महागठबंधन में शामिल हुए हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आरोप लगाया कि गिरिराज सिंह हिंदू समाज की भावनाएं भड़काकर 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने की फिराक में लगे हुए हैं.