PTI/IMAGE

BY-THE FIRE TEAM


केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को 36 राफेल लड़ाकू विमानों के दाम से संबंधी गोपनीयता उपबंध का बचाव करते हुए कहा कि वह सौदे की जानकारियां सार्वजनिक नहीं कर सकती.

सरकार की ओर से पेश हुए अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि इन विषयों पर विशेषज्ञों को गौर करना है और ‘हम कह रहे हैं कि संसद को भी विमानों के पूरे दाम के बारे में नहीं बताया गया है.’

वेणुगोपाल ने कहा कि केन्द्र ने राफेल विमानों की पूरी जानकारी पहले ही सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को सौंप दी हैं. केन्द्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में राफेल विमानों के दाम के बारे में जानकारियां दी थीं.

वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि न्यायालय न्यायिक रूप से यह फैसला करने के लिए सक्षम नहीं है कि कौन सा विमान और कौन से हथियार खरीदने जाएं क्योंकि यह विशेषज्ञों का काम है.

राफेल विमानों के दाम से जुड़े गोपनीयता के सम्बन्ध में उनका कहना है कि ‘अगर दाम की पूरी जानकारी दे दी गई तो हमारे विरोधी इसका लाभ उठा सकते हैं.’

दाम के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने से इंकार करते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि वह दाम के मुद्दे पर न्यायालय की इससे आगे कोई मदद नहीं कर पाएंगे.

केन्द्र विमानों के दाम के मुद्दे पर दलीलें दे रहा था जबकि पीठ ने कहा कि राफेल लड़ाकू विमानों के दाम पर चर्चा केवल तब हो सकती है जब इस सौदे के तथ्य जनता के सामने आने दिए जाएं.

वहीं पीठ ने कहा, ‘हमें यह निर्णय लेना होगा कि क्या कीमतों के तथ्यों को सार्वजनिक किया जाना चाहिए या नहीं.’ हालांकि, पीठ ने अटार्नी जनरल को स्पष्ट किया कि यदि वह महसूस करेगी कि ये तथ्य सार्वजनिक होने चाहिए,

तभी इनकी कीमतों पर बहस के बारे में विचार किया जायेगा. सुनवाई के दौरान वेणुगोपाल ने कहा कि नवंबर, 2016 की विनिमय दर के आधार पर सिर्फ लड़ाकू विमान की कीमत 670 करोड़ थी.

भारत ने अपनी वायु सेना को सुसज्जित करने की प्रक्रिया में उड़ान भरने के लिये तैयार अवस्था वाले 36 राफेल लड़ाकू विमान फ्रांस से खरीदने का समझौता किया था.

इस सौदे की अनुमानित लागत 58,000 करोड़ रुपये है. वेणुगोपाल ने कहा कि पहले इन विमानों को जरूरी हथियार प्रणाली से लैस नहीं किया जाना था,

और सरकार की आपत्ति इस तथ्य को लेकर ही है कि वह अंतर-सरकार समझौता और गोपनीयता के प्रावधान का उल्लंघन नहीं करना चाहती.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here