photo: RAJEEV YADAV

BYRAJEEV YADAV

मऊ:

बुनकर नगरी मऊ में यूपी यात्रा का स्वागत युवाओं ने किया। कभी साम्प्रदायिकता की आग में झुलसे मऊ के युवाओं का मुख्य एजेंडा रोजगार है।

सालों पहले हुई साम्प्रदायिक हिंसा जिसनें सूत की जगह आग बुनने का काम किया था जिसने पूरी बुनकरी को तबाह कर दिया था, जिससे मऊ आज भी उबर नहीं पाया।

गोष्ठी में बात रखते हुए शाहरुख़ अहमद और रविश आलम ने यात्रा के उद्देश्य के विषय में युवाओं को अवगत कराया। एस आर दारापूरी व जुलेखा जबीं ने युवाओं के भविष्य,काम और रोज़गार के सवालों पर गहन चर्चा की।

मौजूदा सरकार की वंचित समाज विरोधी नीतियों का विरोध किया गया और युवाओं ने मांग की कि बेेरोजगारी दूर करने के लिए सरकार ठोस कदम उठाये। बुनकरी के अलग सवाल बने हैं।

मज़हर आज़ाद ने कहा कि सरकार ने लोकलुभावन घोषणाएं की पर उस पर अमल नहीं किया। यहाँ तक की जीएसटी के दायरे में लाकर बची खुची आस भी तोड़ दी। बुनकर आज बर्बाद हो गया है। यूपी यात्रा ने अस्तित्व से जुड़े ऐसे सवालों को उठाते हुए लोगों से साथ आने की अपील भी की।

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