सीकर, 29 अगस्त :भाषा: जैन मुनी विश्रांत सागर ने विवादित बयान देते हुए देश भर की लड़कियों को सामग्री बताया है और उन्हें संयमित रहने की सलाह दी है। साथ ही उन्होंने कहा है कि लड़कियों के खिलाफ अपराध की घटनाओं में 95 फीसदी गलती लड़कियों की होती है।
सीकर जिला मुख्यलय पर चातुर्मास कर रहे जैन मुनि विश्रांत सागर ने आज पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के समय में लड़कियों को बेहद संभल कर चलने की जरुरत है क्योंकि लड़कियों को अपने पीहर पक्ष और ससुराल पक्ष दोनों की इज्ज्ज बचा कर रखनी है ।
यही नहीं जैन मुनि ने लड़कियों को सामग्री बताया ।
उन्होंने कहा की आज के समय में लड़कियों को पाश्चात्य संस्क्रति के बहकावे में नही आकर, संस्कार के साथ शिक्षा ग्रहण करनी चाहिये।
२१वीं सदी में जैनमुनि का यह बयान काफी शर्मनाक है। जब हम विकास की कई उचाईयों को छू रहे है,जमीं से लेकर आसमान तक हमने अपना परचम लहराया है. किन्तु यह विडंबना है हम अभी भी अपनी रूढ़ और दकियानूसी परम्पराओं से बाहर नहीं निकल सके हैं। हमारी नैतिकता में क्षरण हुआ है तभी तो महिलाओं क्या बच्चियां भी बलात्कार जैसी घिनौनी हरकत का शिकार हो रही हैं। इस काम में जवान ही नहीं बूढ़े पुरुष भी शामिल हैं.
आशाराम और रामरहीम को कौन भूल सकता है ? संतों ,मुनियों के अनेक समूहों से भरा हमारा देश जहाँ अरबों रूपये केवल सत्संग के नाम पर खर्च हो रहे हैं तो आखिर ऐसी घटनाएं कैसे घटित हो जा रही हैं।
निश्चित तौर पर यह कहा जा सकता है कि समस्यआ कहीँ और है और हम प्रयास कहीं और कर रहे हैं। यथाशीघ्र इस पर सोचने की जरूरत है अन्यथा हमारे विकास के मायने अर्थहीन हो जायेंगे।
BY-THEFIRE TEAM