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‘नई शिक्षा नीति’ 2020 को जब से घोषित किया गया है तब से लगातार पाठ्य पुस्तकों में शामिल सिलेबस में आए दिन बदलाव किए जा रहे हैं.

अब ‘नई शिक्षा नीति’ के तहत तैयार किए गए पाठ्यक्रमों में इस बात का दावा किया गया है कि गुरुत्वाकर्षण की खोज

न्यूटन ने नहीं बल्कि भारतीय वैज्ञानिक ब्रह्मगुप्त के द्वारा किया गया था. शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी के मुताबिक न्यूटन से

1,000 वर्ष पहले ही भारतीय गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त ने गुरुत्वाकर्षण की खोज कर लिया था. ऐसे में विद्यार्थियों की पुस्तकों में इसे पढ़ाए जाने की जरूरत है.

हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि न्यूटन को इसलिए याद किया जाता है क्योंकि पहली बार उन्होंने इस सिद्धांत को दिया था.

वहीं आरएसएस से जुड़े लोगों के अनुसार ब्रह्मगुप्त से भी पहले इस सिद्धांत के बारे में बता दिया गया था जिसे स्कूलों में पढ़ाए जाने की जरूरत है.

इंडियन इंस्टीट्यूट आफ एस्ट्रोफिजिक्स में पूर्व प्रोफेसर और वैज्ञानिक आरसी कपूर का मानना है कि ब्रह्मगुप्त ने दो पुस्तकें

‘खंडकाव्यक’ और ‘ब्रह्मसफूट सिद्धांत’ लिखा था जिसमें ग्रहों की गति, उनकी आकाश में स्थिति, उदय और अस्त होने को लेकर मुख्य रूप से उद्घाटित किया गया था.

गुरुत्वाकर्षण की बात को भास्कराचार्य ने भी अपनी स्वीकृति दी थी तथा उन्होंने अपने ग्रंथ ‘सिद्धांत शिरोमणि’ में यह श्लोक लिखा है

जिससे पता चलता है कि पृथ्वी में खींचने की शक्ति होती है. यह शक्ति ही आज की गुरुत्वाकर्षण कहलाती है.

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