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  • हजरत मुबारक खान शहीद का 28, 29, 30 मई होने वाला है, जिसमें लाखों की संख्या में अकीदतमंद इकठ्ठा होकर करते हैं बाबा की जियारत

वैसे तो गोरखपुर की पहचान कई रूपों में दिन पर दिन बढ़ती जा रही है किंतु अगर देखा जाए तो सैकड़ों बरसों से नॉरमल टैक्सी स्टैंड के पास

हजरत मुबारक खान शहीद का उर्स आयोजित होता रहा है जो हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल दर्शाता है.

इसी संदर्भ में ‘हिंदू-मुस्लिम एकता कमेटी’ तथा ‘इमामबाड़ा मतवालीआन कमेटी’ सहित ‘मानवाधिकार संगठन’ के संयुक्त तत्वधान में

नगर आयुक्त के साथ जिलाधिकारी को एक ज्ञापन देकर मांग की गई है कि दरगाह के साथ परिसर की जर्जर और टूटी हुई सड़क

तथा टूटे हुए पोल, लटके हुए तार, बुझी हुई स्ट्रीट लाइटें, पानी की व्यवस्था आदि का प्रबंध किया जाए, इससे बड़ी संख्या में

आने वाले जायरीनों को सुविधा मिलेगी तथा वे अपनी इबादत भी बखूबी ढंग से कर पाने में सफल होंगे.

इस संबंध में हिंदू-मुस्लिम एकता कमेटी के अध्यक्ष शाकिर अली ने कहा कि गोरखपुर सीएम योगी आदित्यनाथ का शहर है,

जो सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की शैली पर पूरे प्रदेश में काम कर रहे हैं. इनके कार्य क्षमता को देखकर ही

इन्हें उत्तर प्रदेश का विकास पुरुष कहा जा रहा है. जैसा कि पूर्वांचल में स्थित दरगाह भी सर्वधर्म समभाव की मिसाल पेश करता है, ऐसे में इसके विकास पर भी पूरा ध्यान दिया जाना चाहिए.

मानवाधिकार संगठन के अध्यक्ष मोहम्मद रजी ने मांग किया है कि गोरखपुर का यह परंपरागत उर्स है जिसमें बाहर से कव्वाल नात पढ़ने आते हैं.

जलसा होता है, मिलाद का प्रबंध किया जाता है तथा खाने-पीने का पूरा इंतजाम अकीदतमंदों के लिए होता है.

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