the indian exspress

पटना: जेडीयू के शीर्ष नेता तथा वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की राजधानी पटना में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा कि

यदि भाजपा के विरुद्ध सभी पार्टियों को एकजुट कर लिया जाए तो यह दहाई अंकों में सिमट जाएगी. उन्होंने कांग्रेस से अपील करते हुए कहा कि

अब वह देर ना करें और सभी विपक्षी दलों को एकजुट करें. लोकसभा चुनाव 2024 में अब मुश्किल से 1 वर्ष ही शेष है.

अब इस वक्तव्य में कितना दम है, इनका दावा हवा हवाई है या वास्तव में विपक्ष एकजुट होकर यह करिश्मा कर दिखाएगा, इसका निर्णय तो आने वाला वक्त करेगा.

किंतु यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि क्या विपक्षी दल एकजुट हो पाएंगे? क्योंकि राहुल गांधी, ममता बनर्जी, केसीआर, अरविंद केजरीवाल सबकी अपनी-अपनी महत्वाकांक्षाएं हैं और प्रधानमंत्री बनने का दावा ठोक रहे हैं.

इसके लिए अपना तेवर दिखाने में यह नेता तनिक भी पीछे नहीं हटते हैं. ऐसे में सभी विपक्षी दल के नेताओं का एक मंच पर आना दूर की कौड़ी दिख रही है.

इसका दूसरा पहलू यह है कि क्या वाकई बीजेपी 2024 में 2 अंकों में सिमट जाएगी.? अब जब आंकड़ों पर नजर डालते हैं तो पता चलता है कि

वर्ष 2019 में उत्तर प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण सूबे में भाजपा के विरुद्ध सपा और बसपा ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा किंतु यह महागठबंधन भाजपा को सत्ता में आने से नहीं रोक पाया.

इतना जरूर है कि 2014 की तुलना में भाजपा को 9 सीटें कम जरूर आंई किंतु यह कोई बड़ा नुकसान नहीं कर पाया.

80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में 2014 में भाजपा ने 71 सीटें जीती जबकि 2019 में 62 सीटों को ही जीत पाई.

वहीँ 2019 में भाजपा ने 16 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को मिलाकर 50% वोट प्राप्त करने में सफलता पाई. अब यदि नीतीश कुमार के कथन पर एक सेकेंड के लिए

विचार कर लें तो राजनीति में ऐसा होना संभव दिखता है क्योंकि पूर्व के आंकड़े बताते हैं कि राजनीति में कुछ भी नामुमकिन नहीं है.

किंतु इस समय के ताजा आंकड़ों की बात करें तो नीतीश कुमार की बात राजनीतिक पंडितों के गले नहीं उतर रही है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here