अयोध्या: पूराकलंदर थाना क्षेत्र के भदरसा में दुष्कर्म का दर्द झेल रही बच्ची अब कई और दर्द का सामना कर रही है. 12 साल की उम्र में ही उसके गर्भ में 12 हफ्ते का भ्रूण पल रहा है.
उसका प्रसव हो या गर्भपात, दोनों स्थितियों में उसे दर्द का सामना करके अग्नि परीक्षा देनी होगी. अब बच्ची की जान बचाने के लिए चिकित्सक भी तरकीबें खोज रहे हैं और बाल कल्याण समिति व परिजनों की सहमति का इंतजार कर रहे हैं.
प्रक्रियाओं पर गौर करके चिकित्सकों की भी रूह कांप रही है. हैवानों ने 12 साल की बच्ची को हवस का शिकार बनाकर उसकी मासूमियत का कत्ल कर दिया.
उस दौरान उसकी करुणा से भरी चीख चंद दीवारों में दब गई. इसके बाद भी वह दरिंदगी का शिकार होकर दर्द सहती रही लेकिन अब दरिंदों ने उसके दर्द को कई गुना बढ़ा दिया है.
शारीरिक बदलावों के साथ खेलने-कूदने की उम्र में ही वह गर्भवती हो गई है. अभी न तो वह शारीरिक ना ही मानसिक रूप से इसके लिए सक्षम है.
इसके जोखिमों व जटिलताओं से भी वह अनजान है. किसी तरह उसका प्रसव या गर्भपात करा भी दिया गया तो भविष्य में भी वह तमाम परेशानियों से जूझेगी. यूं कहें तो दरिंदों ने उसे ऐसा दर्द दिया है जो उम्र भर उसे समाएगा.