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रोहतक: पंचायतों में ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल के खिलाफ 28 जनवरी को हरियाणा की पंचायतों द्वारा आंदोलन करने की बात सामने आ रही है.

सरपंचों द्वारा प्रस्तावित कार्यक्रम जसिया गांव में रखा गया है लेकिन गांव जसिया के ग्रामीणों एवं पंचायत द्वारा इसके विरोध स्वरूप ऐसे किसी भी विरोधात्मक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेने की बात कही जा रही है.

दरअसल, जसिया गांव के सरपंच पहलवान ओमप्रकाश हुड्डा का कहना है कि उनके गांव की हद में जिस शक्ति प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा गया है, उसके बारे में जसिया के ग्रामीणों व उनसे कोई चर्चा नहीं की गई.

उन्हें इस बारे में कोई जानकारी भी आधिकारिक रूप से नहीं दी गई है. सरपंच ओमप्रकाश हुड्डा का आरोप है कि एक गुट विशेष द्वारा जानबूझ कर

उनके गांव जसिया को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है और उस खास गुट द्वारा ही यह फैसला लिया गया है कि गांव जसिया में स्थित

चौधरी छोटूराम धाम पर सभी सरपंच एकत्रित होकर शक्ति प्रदर्शन करेंगे जबकि जसिया के ग्रामीणों से इस बारे कोई सलाह नहीं की गई.

उस गुट में शामिल कुछ लोगों के गलत मंसूबों के चलते ही यह रणनीति बनाई जा रही है. लेकिन सरपंच हुड्डा का कहना है कि उनके गांव में

दि कार्यक्रम के दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटना होती है या किसी भी गलत कार्य को अंजाम दिया जाता है तो उसकी जिम्मेदारी जसिया गांव की नहीं होगी.

जसिया के ग्रामीण और पंचायत या सरपंच का इस कार्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं है. साथ ही वे ऐसे किसी कार्यक्रम का हिस्सा भी नहीं बनेंगे.

जसिया गांव ने जिला प्रसाशन से गुहार लगाई है कि वह गांव की हद में व्यवस्था खराब न होने दें क्योंकि जसिया गांव का इस प्रदर्शन से कोई लेना देना नहीं है.

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