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(दिलीप कुमार, सहजनवाँ)

सहजनवाँ: जैसा कि 17 अप्रैल, 2023 नामांकन की आखिरी तारीख है जिसको लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने प्रत्याशियों को टिकट देकर नामों की भी घोषणा कर दिया है.

हालाँकि इस टिकट बंटवारे में कुछ को निराशा हाथ लगी है तो कुछ की बल्ले-बल्ले हो गई है. ताजा मामला भाजपा द्वारा सहजनवाँ के वार्ड नंबर 16

केशोपुर द्वितीय से बृजेन्द्र प्रताप सिंह को टिकट देकर अपना प्रत्याशी घोषित किया जा चुका था एवं पार्टी हाई कमान के फैसले और बीजेपी

जिला अध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह के दस्तखत और पैड लग चुके थे बावजूद इसके देर रात नाटकीय तरीके से बृजेन्द्र प्रताप सिंह का टिकट काट कर

16 अप्रैल, 2023 को रात्रि 9 बजे एक नए प्रत्याशी आलोक चौबे को बीजेपी से टिकट दे दिया गया. इसकी वजह से काफी आक्रोश व्याप्त है.

इस विषय में बताया जा रहा है कि ऐसा करने के लिए बीजेपी के ही कुछ गैर जिम्मेदार नेताओं द्वारा जिला अध्यक्ष बीजेपी के ऊपर काफी दबाव बनाया गया

जिसमें मंडल स्तर तक के नेताओं ने अपने ही बीजेपी के युवा सदस्य एवं जिला मंत्री युवा मोर्चा बीजेपी के टिकट को जबरदस्ती काट कर आलोक चौबे को दे दिया है.

यह कहीं भी ध्यान नहीं दिया गया कि जिसने तन-मन-धन से बीजेपी की सेवा किया तथा अपना अधिकतम समय पार्टी को मजबूत करने में लगाया किन्तु

उसकी तरफ ध्यान न देकर जिसने अभी-अभी अवसर के रूप में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण किया है, उनको टिकट देने प्रत्याशी को कितना गहरा धक्का लगा है.?

यह निर्णय अपने आप में अनेक प्रश्न खड़ा करते हुए पूछ रहा है कि जो वर्षो से बीजेपी की सेवा में तत्पर है और उसका टिकट काट दिया गया.?

अतः यह कहाँ से न्यायोचित फैसला है, बीजेपी के कार्यकर्ता इसका जबाब मांग रहे हैं.

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