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नए वर्ष 2023 में बीसीसीआई खिलाड़ियों के स्वास्थ्य को लेकर काफी संजीदा नजर आ रहा है. कारण यह है कि इस वर्ष के अंत में

वनडे वर्ल्ड कप खेला जाएगा जिसमें 20 खिलाड़ियों को शॉर्टलिस्ट करने के साथ ही इन्हें खेल के दौरान लगने वाले घाव से बचाने के साथ-साथ

उनके स्वास्थ्य को कैसा फिट रखा जाए इस पर भी लगातार कार्य किया जा रहा है. अभी तक खिलाड़ियों की फिटनेस को लेकर यो यो टेस्ट ही कराया जाता था.

किन्तु अब ‘डेक्सा स्कैन टेस्ट’ को भी अनिवार्य कर दिया गया है क्योंकि यदि इस परीक्षण में खिलाड़ी फेल हुए तो उन्हें टीम में जगह नहीं मिलेगी.

बता दें कि यो-यो टेस्ट की शुरुआत खिलाड़ियों के लिए नया नहीं है क्योंकि 2019 वर्ल्ड कप से पहले कप्तान रहे विराट कोहली तथा कोच रवी शास्त्री की गुप्त ने इसकी शुरुआत की गई थी.

सुरेश रैना, पृथ्वी शा, वरुण चक्रवर्ती, मोहम्मद शमी, संजू सैमसन, अंबाती रायडू जैसे अनेक खिलाड़ी इस टेस्ट में फेल हो गए थे जिसका सीधा असर खिलाड़ियों के परफॉर्मेंस पर दिखा.

हालांकि कोविड-19 के कारण इस टेस्ट को बंद कर दिया गया था किंतु खिलाड़ियों की फिटनेस को जांचने के लिए 7:30 मिनट से भी

कम वक्त में इन्हें 2 किलोमीटर की दौड़ पूरी करने का चैलेंज दिया जाता था. यदि खिलाड़ी इसमें 17 का स्कोर नहीं कर पाते थे तो उन्हें टीम से बाहर कर दिया जाता था.

क्या होता है डेक्सा स्कैन टेस्ट?

इस टेस्ट के जरिए खिलाड़ियों के शरीर में मौजूद फैट का स्तर, कमजोर होती मांसपेशियों, पानी की मात्रा तथा हड्डियों के घनत्व को समझने में मदद मिलती है.

इस तरह के परीक्षण को लेकर भारतीय टीम के पूर्व कंडीशनिंग कोच रामजी श्रीनिवासन लगातार अपना समर्थन दे चुके हैं और उन्होंने पुरजोर कोशिश किया है कि इस तरह के टेस्ट को अनिवार्य करने की जरूरत है.

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