सिद्धार्थनगर: दस दिवसीय विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना का उद्घाटन समारोह सिद्धार्थनगर में मूर्ति देवी स्मारक महाविद्यालय में आयोजित किया गया.
उद्घाटन समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि प्रधानाचार्य मंडलीय खादी ग्राम उद्योग प्रशिक्षण केंद्र बस्ती के एम.जेड. खान द्वारा भगवान विश्वकर्मा का माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित करके किया.
एम.जेड.खान ने बताया कि सभी परंपरागत मजदूरों के विकास और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना राज्य सरकार द्वारा शुरू किया गया.
इस योजना के अंतर्गत पारंपरिक कारीगरों और दस्तकारों को अपने हुनर को ज्यादा निखारने के लिए फ्री प्रशिक्षण दिया जाएगा तथा इसका पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी.
सभी योग्य कारीगरों को प्रशिक्षण पूरा होने पर उनके कौशल तथा ट्रेड के अनुसार उन्नत किस्म के टूल्स उपलब्ध कराए जाएंगे. प्रशिक्षण हेतु उपलब्ध व्यवसाय दरजी, बढ़ई, लोहार, मोची, हलवाई, नाई, सोनार, कुम्हार एव टोकरी बुनकर इत्यादि हैं.
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना समय-समय पर सरकार की तरफ से ऐसी योजनाएं चलाई जाती हैं ताकि आम जनमानस को प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिल सके.
ऐसा अनुमान है कि इस योजना से बड़ी आबादी को लाभ मिलने वाला है. फाउंडेशन के डायरेक्टर ए. के. श्रीवास्तव ने बताया कि विश्वकर्मा जो समस्त संसार की रचना का कार्य करते हैं,
जैसे हमारे शरीर में रीढ़ की हड्डी होती है, उसी तरह सामाजिक जीवन में विश्वकर्मा साथियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. हमारे कृषि व्यवस्था जैसे लोहार, कपड़े सिलने वाले दर्जी इनकी अहमियत कभी खत्म नहीं होगी.
हमारे देश के प्रतिभाशाली कारीगरों के लिए यह योजना लागू की गई है जो कारीगर पैसे की कमी जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उन्हें अपने कौशल के बावजूद बेहतर जीवन नहीं प्राप्त हो रहा है.
इस योजना द्वारा उनको लाभान्वित किया जाएगा जिसके प्रशिक्षण का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी. डिजिटल लेन-देन के लिए प्रोत्साहन, मुक्त ऋण प्रदान करना, आर्थिक सहायता प्रदान करना इस योजना का उद्देश्य है.
प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरी तरीके से निशुल्क है. इस अवसर पर जिला उद्योग सिद्धार्थनगर के पंकज मिश्रा, टी. ओ. टी. ट्रेनर सरिता, बृजनंदन त्रिपाठी, अमितेश श्रीवास्तव, नवीन, अंकित, गौरव, सरस्वती, सुधीर सिंह, सुधा शर्मा, आकाश सिंह व अन्य प्रशिक्षक उपस्थित थे.