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मिली जानकारी के मुताबिक फिल्म में लीना मणिमेकलाई की डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ के पोस्टर पर अपने विवादित बयानों को

लेकर चर्चा में आई टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के एक और ताजा बयान से राजनीतिक माहौल गरमा गया है.

TMC सांसद ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि- ” मै वैसे भारत में नहीं रहना चाहती हूं जहां पितृसत्तात्मक ब्राह्मणवाद की सोच हावी हो.”

ऐसे में यह प्रश्न उठना लाजमी है कि लंदन में बैंक के कैरियर में ऊंची हासिल करने का संकल्प लेकर भारत लौटने वाली महुआ मोइत्रा अब पीछे क्यों हट रही हैं.?

हालांकि इसमें रत्ती भर भी शक नहीं है कि विदेशों में रहकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने तथा अच्छी नौकरी करने वाली महुआ मोइत्रा तो

अपने सुख सुविधाओं व ऐशो आराम वाली जिंदगी में पुनः लौट सकती हैं किंतु समाज और राजनीति में बदलाव लाने का

लोगों को भरोसा दिला कर इन्होंने पश्चिम बंगाल की विधानसभा से लेकर संसद तक का जो सफर तय किया उसमें इनके द्वारा जनता से किए गए वादे का क्या होगा.?

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के कोलकाता में जन्म लेने वाली महुआ का शुरु- आती जीवन असम और कोलकाता में ही व्यतीत हुआ.

किंतु 15 वर्ष की अवस्था में वह अपने परिवार के साथ अमेरिका जा बसी जहां इन्होंने अर्थशास्त्र की पढ़ाई किया और न्यूयॉर्क में बैंक की नौकरी शुरू कर दी.

कैरियर में शीर्ष पर होने के बाद भी वह सब कुछ छोड़ भारत लौटी और फिर यहां राजनीति में अपने हाथ आजमाया.

चुनाव के दौरान उन्होंने कहा कि वह भारत की राजनीति तथा समाज में सकारात्मक बदलाव के साथ काम करना चाहती हैं.

इन्होंने कांग्रेस पार्टी से अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की किंतु वर्ष 2010 में तृणमूल कांग्रेस ज्वाइन कर लिया.

2016 में हुए विधानसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के करीमपुर निर्वाचन क्षेत्र से इन्होंने भारी बहुमत भी हासिल किया.

साथ ही 2019 में हुए लोकसभा के आम चुनाव में वह कृष्णा नगर से संसद सदस्य के रूप में भी चयनित हुई.

इसके अतिरिक्त पार्टी ने उन्हें 2022 के विधानसभा चुनाव में गोवा प्रभारी के रूप में भी नियुक्त किया था.

महुआ एक ऐसी शख्सियत हैं जो सदैव अपने बयानों के कारण मीडिया की सुर्खियां बनी रहती हैं. इन्होंने गुजरात के नगरपालिका क्षेत्रों में

मीट बैन का मुद्दा उठाने के साथ ही भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि आप केवल हमारे वोटों से संतुष्ट नहीं हैं.

आप हमारे सिर पर, घरों के अंदर जाना चाहते हैं. आप यह निर्धारित करना चाहते हैं कि क्या खाएं, क्या पहने, किस से प्यार करें.?

आप उस भारत से डरते हैं जहां एक जैन लड़का घर में छिपकर अहमदाबाद की सड़कों पर ठेले से काठी कबाब खाता है.

महुआ ने सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को लेकर भी टिप्पणी किया था और कहा कि-

“न्यायपालिका कभी गाय जितनी पवित्र थी अब वह पवित्र नहीं रही न्यायपालिका उसी दिन अपवित्र हो गई थी जिस दिन एक मुख्य न्यायाधीश पर यौन शोषण का गंभीर आरोप लगा था.”

हालांकि उसने इस्तीफा नहीं दिया और ना ही अपने मुकदमे से दूर रहा. जेड प्लस की सुरक्षा मिलने के साथ ही

सेवानिवृत्त होने के बाद उसे राज्यसभा की सदस्यता भी मिल गई जो किसी दुर्भाग्य से कम नहीं है.

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