rajya sameeksha

उत्तराखंड के श्रीनगर में साढ़े 8 घंटे चले प्रदर्शन के बाद अंकिता भंडारी का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

पहले परिवार ने डिटेल्ड पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सावर्जनिक करने की मांग कर अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था.

बाद में प्रशासन के समझाने पर परिवार राजी हो गया लेकिन प्रदर्शन कर रहे लोग इसके लिए तैयार नहीं थे.

सुबह 9 बजे से लोग हाथ में अंकिता की फोटो लेकर ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे जाम कर प्रदर्शन कर रहे थे.

शव को मॉर्चुरी से श्मशान ले जाते वक्त भी प्रदर्शनकारियों ने एंबुलेंस रोकने की कोशिश की.

एक महिला एंबुलेंस के सामने लेट गई जिसे पुलिस ने हटाया. बाद में अंकिता के पिता ने मॉर्चुरी के बाहर जमा लोगों से भावुक अपील की, जिसके बाद भीड़ छंटने लगी.

अंतिम संस्कार अलकनंदा नदी किनारे NIT घाट पर किया गया. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, अंकिता की मौत पानी में डूबने से हुई.

धक्का देने से पहले उसे किसी भारी चीज से पीटा गया. उसके शरीर पर चोट के निशान भी मिले.

रिपोर्ट में सेक्शुअल एब्यूज या रेप का जिक्र नहीं है. इधर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी.

वहीं पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर उठ रहे सवालों के बीच पौड़ी के एएसपी का बयान सामने आया है.

पौड़ी एएसपी शेखर सुयाल ने कहा कि कई मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि अंकिता हत्याकांड में साक्ष्य मिटाए गए हैं, लेकिन ऐसा नहीं है.

उन्होंने कहा कि मैं बताना चाहता हूं कि हम खुद 22 सितंबर को रिजॉर्ट गए थे, जहां हमने वीडियोग्राफी की थी.

इसके बाद 23 सितंबर की सुबह फोरेंसिक टीम ने जांच करके साक्ष्यों को सुरक्षित किया था. बता दें कि आज अंकिता के परिवार के लोग

शव लेने पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे, जहां पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. लोगों ने न्याय की मांग करते हुए कई जगहों पर प्रदर्शन कर नारेबाजी की.

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