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प्राप्त जानकारी के मुताबिक भारतीय मीडिया फाउंडेशन के नेतृत्व में वाहन चालकों की समस्याओं को सुनने तथा उनके निदान तथा कल्याण के उद्देश्य से

आगामी 1 मार्च, 2023 से साइकिल यात्रा निकलेगी जो अलग-अलग प्रदेशों से होते हुए दिल्ली पहुंचेगी. इस यात्रा में परिवहन फोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष

पूरी तरह साथ होंगे और वह चालकों के बीच में चालकों की समस्याओं को सुनेंगे और उन समस्याओं के निदान के लिए जरूरी कदम उठाने का प्रयास करेंगे.

परिवहन फोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जुबेर खान बागी जी ने बताया कि किस तरह चालकों का यूनियन के नाम पर शोषण किया जा रहा है.

चालकों के लिए आज तक किसी भी जिले में, किसी भी संगठन ने उनके लिए न कोई राहत कोष, ना उनके आकस्मिक दुर्घटनाओं के लिए कोई व्यवस्था बनी है.

जबकि अगर हमारा चालक ₹500 कमाता है तो इनके लोग ₹5000 डेली इनकम करते हैं. लेकिन वह सारा पैसा यूनियन के लोगों की जेब में चला जाता है.

उसमें से चालकों के हित, आकस्मिक दुर्घटना के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. अभी हाल ही में गाजियाबाद में एक ऑटो चालक को पुलिस द्वारा पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर दी गई.

लेकिन किसी भी यूनियन ने उसके लिए आवाज नहीं उठाई. चालक साथियों को यह भी समझाना होगा कि आप भी परिवार के सदस्य हो.

हम आपसे कुछ लेने नहीं बल्कि देने आये हैं, आपकी समस्या का समाधान करने आये हैं. जिस तरह चालकों का शोषण और अत्याचार हो रहा है, उसको हम खत्म करने की लड़ाई लड़ रहे हैं.

परिवहन फोरम भारतीय मीडिया यात्रा के दौरान सभी तरह के चालकों को जोड़ने का काम किया जाएगा. किसी भी वाहन का चालक हो,

उसकी समस्याओं को भारतीय मीडिया परिवहन फोरम मजबूती से लड़ेगी और उनकी समस्याओं का समाधान करेगी.

बता दें कि ‘चालक राहत कोष’ लगभग बनकर तैयार है, शासन और प्रशासन पर दबाव बनाया जा रहा है कि चालक कल्याण बोर्ड बनें.

मुझे उम्मीद है कि इस नए बजट के में जब विधानसभा का सत्र चलेगा तो शासन चालकों की समस्या के समाधान के लिए चालक कल्याण बोर्ड का गठन करेगा.

अगर शासन ने चालक कल्याण बोर्ड का गठन नहीं किया तो आने वाले चुनाव में उसका परिणाम भी भुगतने के लिए तैयार रहे.

1 मार्च, 2023 से साइकिल यात्रा के लिए सारे प्रदेश के मीडिया अधिकारी, परिवहन फोरम के पदाधिकारी और तमाम घटकों के

पदाधिकारियों से अपील की जाती है कि इस यात्रा में उनके पास जो सुझाव हैं, भारतीय मीडिया फाउंडेशन को अवगत कराएं.

उनकी राय और उनके सुझाव की भी चर्चा करके जो चीज अमल करने लायक होगी उसे अपनाया जाएगा. जिन साथियों को यात्रा में शामिल होना है,

वह भी अपने यात्रा में शामिल होने के लिए लिखित आवेदन करें और कितना दूर तक साथ चल सकते हैं, इस विषय में भी अवगत कराएं.

(जुबेर खान बागी राष्ट्रीय अध्यक्ष परिवहन फोरम भारतीय मीडिया फाउंडेशन)

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