कुंभ क्या है ? इसके इतिहास, वर्तमान और मान्यताओं से जुड़ी हर रोचक बात


BY-THE FIRE TEAM


प्रयागराज यानी इलाहाबाद एक बार फिर सज चुका है. कुंभ की तैयारियों में सरकार के साथ-साथ पूरा प्रयागराज जुटा हुआ है. यहां 5 जनवरी से 4 मार्च तक कुंभ मेले का आयोजन किया जा रहा है.

हर बार की तरह इस बार भी दुनियाभर के श्रद्धालु कुंभ के इस आयोजन में शामिल होंगे.

कुंभ से जुड़ी रोचक बातें :

  • कुम्भ का शाब्दिक अर्थ है कलश और यहां ‘कलश’ का संबंध अमृत कलश से है.
  • मान्यता है कि असुर-देवताओं के बीच समुद्र मंथन हुआ था, मंथन में अमृत कलश भी निकला
  • धन्वन्तरि ने अमृत कलश देवताओं को दे दिया तो फिर युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो गई.
  • अमृत कलश लेकर दानवों से पीछा छुड़ाकर जब देवता जा रहे थे, उस वक्त अमृत की बूंदे पृथ्वी पर चार स्थानों पर गिरी- हरिद्वार, नासिक, उज्जैन और प्रयागराज
  • अमृत कलश को स्वर्ग ले जाने में 12 दिन का समय लगा

फोटो-कुंभ वेबसाइट

  • मान्यता है कि देवताओं का एक दिन पृथ्वी के एक साल के बराबर होता है.
  • ऐसे में हर 12 साल में कुंभ मेले का आयोजन होता है
  • कुंभ मेला का इतिहास कम से कम 850 साल पुराना है. माना जाता है कि आदि शंकराचार्य ने इसकी शुरुआत की.
  • हरिद्वार, इलाहबाद, उज्जैन और नासिक में हर 3 साल में कुंभ लगता है
  • 12 साल बाद यह मेला अपने पहले स्थान पर वापस पहुंचता है4
  • अर्धकुंभ मेला हर 6 साल बाद होता है और केवल इलाहाबाद और हरिद्वार में ये मेला लगता है.
  • इलाहाबाद में साल 2019 का मेला अर्धकुंभ ही है

Image result for IMAGE of NAGA SADHU

  • NAGA SADHU
  • कुंभ में शाही स्नान सबसे पहले अखाड़ों के साधु करते हैं, बाद में आम आदमी
  • कुंभ के अखाड़ों में साधुओं और धार्मिक संगठनों का जमावड़ा होता है
  • अगर आपको साधुओं, नागा, अघोरी के बारे में जानना है तो कुंभ खास जगह है.

Leave a Comment

Translate »
error: Content is protected !!