BY-RAVISH KUMAR
आप कल्पना नहीं कर सकते हैं कि पर्चा लीक होने से या किसी भी तरीके से इम्तहान रद्द होने से छात्रों को कितनी मानसिक परेशानी होती है.
महीनों के बाद सरकारी बहाली आती है. नौजवानों की उम्र निकल जाती है. पौने नौ लाख छात्रों की परेशानी को नज़रअंदाज़ करना आसान नहीं था. परीक्षा देने वाले ज्यादातर छात्र गरीब मध्यम वर्ग के और गांवों के हैं.
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने तुरंत जांच के आदेश दे दिए. लेकिन जब उनकी पुलिस ने चार आरोपियों को पकड़ा तो दो आरोपी बीजेपी के ही कार्यकर्ता निकल गए.
उनकी पुलिस कांस्टेबल परीक्षा का पर्चा लीक होते ही गुजरात के पौने लाख छात्र परेशान हो उठे. यही कारण था कि मुख्यमंत्री विजय रुपाणी को जांच के आदेश देने पड़े.
पुलिस ने 24 घंटे के भीतर 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इनमें से दो बीजेपी के कार्यकर्ता बताए जा रहे हैं. हिन्दू अखबार के महेश लांगा ने लिखा है कि इन चारों में से मुकेश चौधरी बनासकांठा के तालुका पंचायत स्तर का बीजेपी कार्यकर्ता है.
जबकि मनहर पटेल अरवेली ज़िला का वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता है. इन आरोपियों में गांधीनगर का एक पुलिस इंस्पेक्टर पी वी पटेल भी है.
मुख्य अभियुक्त वडोदरा म्यूनिसिपल कारपोरेशन का सेनिटरी इंस्पेक्टर भी है जो खबर पढ़े जाने तक गिरफ्तार नहीं हुआ था.
बीजेपी कार्यकर्ताओं के पकड़े जाने की खबर आते राज्य बीजेपी के अध्यक्ष ने मुकेश चौधरी और मनहर पटेल को पाटच् से निलंबित कर दिया.
इस मामले को लेकर राजनीति घूम गई है. एबीवीपी ने पुलिस की ही आलोचना कर दी है कि वह अपना इम्तहान ठीक से नहीं करा सकती है.
एनएसयूआई ने भी राज्य सरकार की आलोचना की है. हार्दिक पटेल से लेकर जिग्नेश मेवाणी तक ने सवाल उठाए हैं. शंकर सिंह वाघेला ने तो कहा है कि हर छात्र को 10,000 रुपये का मुआवज़ा मिलना चाहिए.
कांग्रेस ने एसआईटी की जांच की मांग की है. कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोषी ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है.
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा है कि जब यह परीक्षा दोबारा से होगी तब छात्रों के सेंटर तक आने जाने का खर्चा सरकार उठाएगी.
लेकिन इस बार जो उनकी जेब से करोड़ों रुपये डूबे हैं, उसका क्या होगा. इसकी जांच में एटीएस को भी लगाया गया जो आतंकवादी गतिविधियों की जांच के लिए बनी है.
क्या पेपर लीक करने वालों का नेटवर्क आतंक के नेटवर्क से भी खतरनाक हो गया है. ऐसा नहीं है कि पहली बार पर्चा लीक हुआ है.
हमने नौकरी सीरीज़ के दौरान 50 से अधिक एपिसोड किए, इस उम्मीद में कि चयन आयोगों में कुछ सुधार आएगा. नौजवानों के साथ नौकरी और परीक्षा के नाम पर यह धोखाधड़ी बंद हो जाएगी.
ऐसी परीक्षा व्यवस्था बनेगी जिस पर सबका भरोसा होगा लेकिन जब आप इन परीक्षाओं की नज़र से भारत को देखेंगे, इनमें शामिल नौजवानों की नज़र से भारत को देखेंगे तो काफी हताशा होगी.
इन छात्रों से पूछिए कि उनकी नज़र में बड़ी ख़बर क्या है, वे यही बताएंगे कि हमारी परीक्षा का डेट कब आएगा, जो परीक्षा दी है उसका रिज़ल्ट कब आएगा.
ज़रूर इन छात्रों में ऐसे भी बहुत हैं जो दिन रात हिन्दू मुस्लिम डिबेट में लगे रहते हैं मगर उनका भी सवाल है कि परीक्षा का रिज़ल्ट कब आएगा
(DISCLAIMER-लेख में दी गई जानकारी लेखक की व्यक्तिगत खोज पर आधारित है दफायर.इन्फो इसके लिए उत्तरदाई नहीं है)