BY- THE FIRE TEAM
सीनेट पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कश्मीर में “मानवीय संकट” को समाप्त करने की अपील की है।
जम्मू और कश्मीर की स्थिति पर भारत के खिलाफ अमेरिकी सांसदों द्वारा विधायी कार्रवाई की दिशा में पहला कदम क्या हो सकता है?
संयुक्त राज्य अमेरिका की सीनेट कमेटी ऑन फॉरेन रिलेशंस ने अपनी रिपोर्ट में कश्मीर में “मानवीय संकट” को समाप्त करने की अपील की है।
2020 के लिए वार्षिक विदेशी विनियोग अधिनियम से आगे संशोधन का प्रस्ताव सीनेटर क्रिस वान होलेन ने किया था। जो इस सप्ताह दिल्ली आए कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के एक हिस्से के रूप में थे।
जिसमें कश्मीर के साथ-साथ भारत-अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों, व्यापार संबंधों और प्रमुख अधिकारियों के साथ रक्षा खरीद पर चर्चा की गई थी।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत के लिए: दूरसंचार और इंटरनेट सेवाओं को पूरी तरह से बहाल करना; इसके लॉकडाउन और कर्फ्यू को बहाल करना शामिल किया गया।
रिपोर्ट में 370 के हटने के साथ हिरासत में लिए गए व्यक्तियों के बारे में भी चर्चा की गई है।
अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि यह दस्तावेज 26 सितंबर को प्रस्तुत किया गया था, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस समय अमेरिका में थे।
यह संशोधन जो द्विदलीय समिति द्वारा सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया था, सीनेट द्वारा कश्मीर की स्थिति के बारे में चिंता की एक मजबूत अभिव्यक्ति है।
श्री वान हॉलन ने पिछले सप्ताह वाशिंगटन में विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थीरल। सीनेटर बॉब मेनेंडेज़ भी, प्रतिनिधिमंडल का एक हिस्सा थे, इस सप्ताह दिल्ली में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मिले थे।
दोनों सीनेटरों ने कश्मीर की स्थिति पर पिछले दो महीनों में सार्वजनिक बयान दिए हैं।
हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि कश्मीर पर उनकी चिंताओं ने सरकार से कोई प्रतिक्रिया प्राप्त की या नहीं।
द हिंदू के अनुसार जब सीनेटर वान होलेन ने श्रीनगर जाने की अनुमति का अनुरोध किया गया था तो इनको फटकार लगाई गई थी।
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि गृह मंत्रालय ने इस तरह के अनुरोधों को संभाला है।
5 अगस्त को अनुच्छेद 370 पर सरकार के फैसले के बाद से किसी भी राजनयिक या विदेशी पत्रकार को कश्मीर का दौरा करने की मंजूरी नहीं दी गई है।
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शुक्रवार को दिल्ली में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के इंडिया इकोनॉमिक समिट में बोलते हुए, श्री जयशंकर ने कहा कि अमेरिका में कई महत्वपूर्ण निर्णयकर्ताओं ने “अपने मीडिया द्वारा गलत जानकारी” दी थी और उन्होंने पिछले कुछ हफ्तों में गलतफहमी को दूर करने के लिए काफी प्रयास किए थे।