- हाथरस में हैवानियत की शिकार बेटी का प्रशासन द्वारा परिजनों की गैरमौजूदगी में अंतिम संस्कार
- 2 किसान विरोधी बिलों के जरिये किसानों को खेत मालिक की
- जगह, खेत मजदूर बनाने की साजिश
- विपक्ष / समाजवादी पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का सत्ता द्वारा दमन
- प्रदेश में बद से बदतर होती कानून व्यवस्था
- ऐतिहासिक बेरोजगारी
सपा जिलाध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी ने कहा कि- भाजपा राज में लोकतंत्र और संविधान दोनों का तिरस्कार हो रहा है. किसान विरोधी बिलों के जरिये किसानों को खेत मालिक की जगह, खेत मजदूर बनाने की साजिश रच रही है.
जनता भाजपा के जिन लोकलुभावन वादों से भ्रमित हुई थी अब उनकी सच्चाई जानने लगी है. भाजपा के कुशासन का असली रंग लोग देख रहे है. छल प्रपंच के माहिर भाजपाईयों के झूठ का लबादा उतरने में अब देर नहीं लगेगी.
प्रदेश में अपराधों की असाधारण वृद्धि से यह प्रदेश हत्या प्रदेश के रूप में बदनाम हो गया है. प्रदेश के गौरव के साथ जिस तरह का खिलवाड़ हो रहा है लोग भूलेंगे नहीं.
संविधान में विपक्ष के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी है, उसे भाजपा सरकार ने मजाक बना दिया है. भाजपा सरकार विपक्ष को कुचलने के घातक मन्सूबे से पेश आ रही है.
हाथरस में मृतका के परिजनों को शासन के आदेश पर प्रशासन ने दौड़ा दौड़ाकर मारा है. मुख्यमंत्री एक बेटी को गरिमा पूर्ण जीवन तो दे नहीं सके, उन्होंने उसकी सम्मानजनक अंतिम बिदाई भी छीन ली.
रात्रि में रीति रिवाज के विपरीत दाह संस्कार और जलाने की जो प्रक्रिया अपनाई गई उससे अधिक शर्मनाक कोई बात नहीं हो सकती है. अब जनता भी ऐसे सत्ताधारियों को दौड़ा-दौड़ाकर इंसाफ की चौखट तक खींच करके ले जाएगी.
हाथरस के बाद बलरामपुर में भी एक बेटी के साथ बलात्कार और उत्पीड़न का घृणित अपराध हुआ है. घायलावस्था में उसकी भी मृत्यु हो गयी. यह बहुत ही दुखद कि भाजपा सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है.
भाजपा सरकार को याद रखना चाहिए कि जनता की आवाज को कुचलने का अहंकार जिसने पाला उसे जनाक्रोश का सामना करना पड़ा है.
इस दौरान प्रमुख रुप से जिला अध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी, जियाउल इस्लाम, अखिलेश यादव, डॉ मोहसिन खान, चंद्रबली यादव, विजय बहादुर यादव, यशपाल रावत, अमरेंद्र निषाद, मनुरोजन यादव आदि उपस्थित रहे.