BY–सुशील भीमटा
हिमाचल प्रदेश के पौंटा साहिब में चल रहे नेशनल हाईवे के निर्माण कार्य से इस क्षेत्र की जनता पर भारी संकट डाल रहा है। आशंका की जा रही है कि इस हाईवे की हो रही फोरलेनिंग की वजह से अनुमानित चार हजार साढ़े चार दुकानों, रियायशी मकान और अन्य इमारतों के आहत होने की सम्भावना बन रही है।
इस भारी संकट को टालनें का कोई विकल्प नहीं निकाला जा रहा और पीड़ित व्यवसायियों और आम नागरिकों की मेहनत की कमाई पर बुलडोजर फिरता नजर आ रहा है।
राजनीतिक रंजिशों के चलते आम जनता के हितों से कोताही बरती जा रही है और कुछ स्थानीय नेता इस पर भी अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने लगे हैं।
सियासी जंग की शिकार हो रही जनता सदमें में है और सरकार से गुहार लगाती फिर रही है कि इस मंडराते संकट से उन्हें निजात दिलाये। मैं इंसानियत के नाते प्रदेश सरकार से समस्त पीड़ित लोगों की ओर से आग्रह करना चाहूंगा कि इस घोर संकट से और भारी नुकसान से जनता को बचानें के लिए कारगर कदम उठाये ताकि समय रहते लोगों को राहत मिल सके।
इसी समस्या से निजात दिलवाने के पौंटा साहब का व्यापार मंडल का एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें सभी राजनीतिक विचारधारा के लोग शामिल थे प्रदेश के मुख्यमंत्री से उनके पौंटा प्रवास के दौरान मिला और उनसे आग्रह किया कि इस भारी नुकासान से बचने के लिए शीघ्र अति शीघ्र कोई समाधान निकाल कर आदेश जारी किये जायें।
सामूहिक तौर पर पौंटा साहिब के सभी राजनीतिक दलों के सदस्यों द्वारा आम नगरवासियों के हक की आवाज उठाई गई है जो लोकतंत्र के तौर तरीकों को दिखा रहा है।
इस आगाज से बेघर हो रही जनता और होने वाले व्यवसायिक नुकसान से व्यवसायियों और जनता को राहत की उम्मीद दिखाई दी है। राजनीति का मकसद जनसेवा और समाज सेवा होना ही लोकतंत्र की मर्यादा है और जब जनता ही संकट में हो तो न्याय के लिए प्रदेश के मुखिया से मिलना सर्वथा उचित है।
इस समस्या का निदान करना भी मुख्यमंत्री महोदय का प्रथम कर्तव्य भी है क्योंकि जीवन भर की संचित राशि से या बैंकों, रिश्तेदारों आदि से ऋण उठाकर बनाई गई इमारतें व मकान किसी भी परिवार की जीवन लीला तक समाप्त कर सकतें हैं।
मान्यवर सड़के जनहित के लिए बनाई जाती हैं और अगर जनता को ही भारी नुकसान हो तो हित कैसा?
कृपया इस समस्या को गम्भीरता से देखते हुए समय रहते यथासम्भव प्रयास करें ताकि जनता को राहत मिल सके।