दो साल पहले आज के ही दिन हुआ था जनता की उम्मीदों का कत्ल


BYTHE FIRE TEAM


नई दिल्ली: नोटबंदी के दिन से आज तक अपने खून पसीनें की कमाई से लिए कतारों में खड़ी देश की जनता भीख मांग रही है।

काला धन तो नहीं आया पर काला दिन जरूर आया। देश में नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने केंद्र सरकार के इस फैसले को ‘बीमार सोच’ वाला और ‘मनहूस’ कदम करार दिया है। इसके जवाब में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी के 2 साल पूरे होने पर इसे एक सफल फैसला करार दिया।

आज से ठीक दो साल पहले 8 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नोटबंदी का ऐलान किया था। इस ऐलान के बाद देश में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद हो गए थे।

नोटबंदी को विपक्षी पार्टियों ने काला दिन करार दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, ‘नोटबंदी से भारतीय अर्थव्यवस्था पर जो कहर बरपा, वह अब सबके सामने है। नोटबंदी ने हर व्यक्ति को प्रभावित किया, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति, पेशा या संप्रदाय का हो। अक्सर कहा जाता है कि वक्त सभी जख्मों को भर देता है लेकिन नोटबंदी के जख्म-दिन-ब दिन और गहराते जा रहे हैं।’

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, नोटबंदी से जीडीपी में गिरावट तो दर्ज हुई ही, उसके और भी असर देखे जा रहे हैं। छोटे और मंझोले धंधे भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं जिसे नोटबंदी ने पूरी तरह से तोड़ दिया।

अर्थव्यवस्था लगातार जूझती जान पड़ रही है जिसका बुरा असर रोजगार पर पड़ रहा है। युवाओं को नौकरियां नहीं मिल पा रहीं। इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए दिए जाने वाले कर्ज और बैंकों की गैर-वित्तीय सेवाओं पर भी काफी बुरा असर पड़ा है। नोटबंदी के कारण रुपए का स्तर गिरा है जिससे मैक्रो-इकोनॉमी भी काफी प्रभावित हुई है।

ममता ने भी मोदी सरकार को घेरा:

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने नोटबंदी के दिन को ‘काला दिवस’ करार दिया है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक ट्वीट कर नोटबंदी की ‘कीमत’ समझाई है।

थरूर ने इस दिन को आपदा बताते हुए #DemonetisationDisasterDay के नाम से ट्वीट किया है। थरूर के मुताबिक, नोटबंदी के कारण नए नोट छापने पर 8 हजार करोड़ रुपए का खर्च आया, 15 लाख लोगों की नौकरी गई, 100 लोग जान से हाथ धो बैठे और जीडीपी में डेढ़ फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।

Leave a Comment

Translate »
error: Content is protected !!