BY– THE FIRE TEAM
देवरिया शेल्टर होम कांड में यूपी पुलिस ने एक और खुलासा किया है। जांच में सामने आया है कि शेल्टर होम में रह रही नौ लड़कियों की शादी उनकी उम्र से ज्यादा और अपंग आदमियों के साथ जबरन कराई गई।
हैरानी वाली बात यह भी है कि यह शादी उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत कराया गया।
देवरिया के शेल्टर होम में लड़कियों के साथ शारीरिक शोषण किए जाने का मामला सामने आया था। इस घटना को स्वतः संज्ञान में लेते हुए हाई कोर्ट ने सख्त निर्देश जारी किए थे। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद यूपी पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) बनाई थी।
देवरिया के शेल्टर होम कांड का खुलासा 5 अगस्त को यहां रहने वाली एक 11 वर्षीय बच्ची ने किया था। वह किसी तरह शेल्टर होम से भागकर पुलिस के पास पहुंची थी और उन्हें शेल्टर होम में लड़कियों के साथ हो रहे शारीरिक शोषण का खुलासा किया था।
एसआईटी ने जांच में पाया कि देवरिया के मां विंध्यवासिनी महिला एवं बालिका संरक्षण गृह की मालिक गिरिजा देवी ने नौ लड़कियों की उनकी मर्जी के खिलाफ शादी कराई। जब एसआईटी ने और जांच की तो पता चला कि उनकी शादी उम्रदराज आदमियों से मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में कराई गई।
एसआईटी ने अपनी चार्जशीट में इस बात की विस्तृत जानकारी देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट में यह चार्जशीट दायर कर दी है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना प्रदेश के महिला एवं बाल कल्याण विभाग की पहल थी। एसआईटी ने पाया कि गिरिजा त्रिपाठी सीएम सामूहिक विवाह में शादी कराने के लिए हर एक शादी के 35,000 रुपये में 5,000 रुपये अपने पास रखती थी।
इस योजना के अंतर्गत सिर्फ उत्तर प्रदेश की अविवाहित लड़कियों की ही शादी कराई जा सकती है। एसआईटी ने पाया कि इसमें बिहार की तीन लड़कियों की भी शादी गैर कानूनी ढंग से जबरन करा दी गई।
दो ऐसी लड़कियां एसआईटी को मिली जिनकी शादी पहले हो चुकी थी। एसआईटी ने गिरिजा त्रिपाठी के ऊपर मानव तस्करी, धोखाड़ी, आपराधिक षणयंत्र करने की धाराओं सहित ट्रस्ट के नियमों का उलंघन करने और सरकारी फंड का दुरुपयोग करने की धाराओं में भी चार्जशीट दायर की है।
देवरिया स्थित मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं सेवा संस्थान चलाने वाली गिरिजा त्रिपाठी महिला और बच्चों के अधिकारों के लिए जानी जाती थी। वह पावरफुल लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती थी। उसे महिलाओं और बच्चों के लिए योगदान करने के लिए कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है। गिरिजा त्रिपाठी पूर्वी उत्तर प्रदेश में शेल्टर होम की चेन चलाती है।
उसके बच्चों के शेल्टर होम से लेकर वृद्धों के शेल्टर होम तक चलते हैं। उसने शेल्टर होम से ही करोड़ों रुपये का कारोबार बीते 25 वर्षों में फैला लिया।
1993 में उसने अपनी एनजीओ का पंजीकरण कराया था। यह पंजीकरण चिटफंड कंपनी के तौर पर कराया गया था लेकिन बाद में उसे शेल्टर होम चलाने का चस्का चढ़ा और उसने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर एनजीओ के उद्देश्य बदलवा लिए।
उसके बाद वह लगातार शेल्टर होम चलाती रही और अपना साम्राज्य फैलाती रही। जून 2017 में यह एनजीओ ब्लैकलिस्ट हो गया।
शेल्टर होम संचालन के दौरान उसके संपर्क कई सरकारी और स्थानीय अधिकारियों के साथ हो गए। उसने देवरिया में ही तीन शेल्टर होम खोल लिए।
इसके साथ ही एक-एक वृद्धाश्रम देवरिया, गोरखपुर और सलेमपुर में खोला। इसके अलावा वह एक अडॉप्शन सेंटर भी चलाती है जहां से बच्चे विदेशी कपल को गोद दिए जाते हैं।