किसानों के प्रदर्शन के बावजूद देशभर में उत्साह के साथ मनाया गया 72वां गणतंत्र दिवस

देश में केंद्र सरकार के द्वारा पारित किए गए कृषि कानूनों के विरुद्ध पिछले 60 से अधिक दिनों से धरने पर बैठे किसानों के समूहों ने कृषि कानून को रद्द करने की मांग को लेकर

देशभर में ट्रैक्टर रैली निकालकर अपना विरोध जताया है. हालांकि इस ट्रैक्टर रैली के दौरान प्रशासन और किसानों के बीच झड़पें होने की पुष्टि हुई है किंतु बावजूद इसके

वर्ष 2021 के 72वें गणतंत्र दिवस को पूरे उत्साह के साथ मनाया गया है. कोविड-19 महामारी को देखते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन जो कि इस गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि थे, ने अपना दौरा रद्द कर दिया है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि- किसानों, कोरोनायोद्धाओं तथा देश के सैनिकों की प्रतिबद्धता और संघर्ष को मेरा सलाम.”

इस अवसर पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किसानों की मांगों को स्वीकार करने की अपील करते हुए अपनी बात को जोरदार ढंग से रखा.

उन्होंने कहा कि-“ नए कृषि कानून पूरी तरह से गलत हैं जबकि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि किसी को भी आंदोलन करने की छूट है लेकिन अराजकता फैलाने का अधिकार किसी को भी नहीं है.”

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश के अन्नदाता पर आरोप लगाते हुए कहा कि देश के इतिहास में इस तरह का आंदोलन आज तक नहीं हुआ.

कोई नहीं चाहता कि किसान आंदोलन का राजनीतिकरण हो इसलिए विपक्षी दल केवल फर्ज के तहत इस आंदोलन में एकजुटता दिखा रहे हैं.

गणतंत्र दिवस के इस पावन अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास पर ही ध्वजारोहण किया तथा अपने संबोधन में बताया कि- “हमारा संविधान मौलिक अधिकारों के साथ-साथ

उन कर्तव्यों के प्रति भी आगाह करता है जो एक राष्ट्र के नागरिक के रूप में हम सबके हैं.”

हमें याद रखना होगा कि हमारा व्यक्तिगत जीवन ही सब कुछ नहीं है बल्कि सार्वजनिक जीवन भी है, यही जीवन हमें एक धर्म की प्रेरणा देता है और वह है राष्ट्र धर्म.

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