26 जनवरी को प्रदर्शनकारी किसानों के द्वारा ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर धार्मिक ध्वज फ़हराए जाने की घटना को देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ना केवल इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया बल्कि यह तिरंगे का अपमान भी है.
राष्ट्रपति महोदय ने बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए यह वक्तव्य दिया. अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि-
“संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है किंतु वही संविधान हमें यह भी सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से लोगों के द्वारा पालन किया जाना चाहिए.”
हालांकि किसानों के आंदोलन के मुद्दे को लेकर कांग्रेश सहित 20 पार्टियों के नेताओं ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्र सरकार के द्वारा पारित किए गए कृषि कानून की प्रशंसा करते हुए कहा कि- मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि 3 नए कृषि कानून बनने से पहले पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे
और जो सुविधाएं किसानों को मिल रहे थे उनमें कहीं कमी नहीं की जाएगी तथा इन सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ अधिकार भी दिए हैं.