जमीला बनी देश की पहली मुस्लिम महिला डाकिया


BY-THE FIRE TEAM


कहते हैं जब दिल में काम के प्रति उत्साह और लगन होती है तो कोई भी बाधा छोटी लगने लगती है. जी हाँ, यह सच्चाई हैदराबाद के महमूदाबाद जिले की रहने वाली जमीला पर बिलकुल सटीक बैठती है.

आपको बता दें कि जमीला के पति पोस्टमैन थे जिनकी अचानक मृत्यु हो गई, ऐसे में परिवार की पूरी जिम्मेदारी अकेले जमीला पर आ पड़ी.

चूँकि उसके पति ख्वाजा मियां सरकारी मुलाजिम थे ऐसे में जमीला को मृतक आश्रित कोटा में नौकरी तो मिल गई किन्तु यह काम उनके लिए बड़ा कठिन था. फिर भी उसने साहस दिखाते हुए लोगों तक उनके टेलीग्राम,पारसल, चिठ्ठियां आदि पहुँचाने का कार्य किया.

हालाँकि जमीला ने नौकरी तो ज्वाइन कर लिया किन्तु इनको मिलने वाला वेतन मात्र छह हजार रूपये थे जिससे उनकी घरेलू जरूरतें नहीं पूरी हो पाती थीं. अतः उसने साड़ी बेचने का काम भी किया ताकि वह अपनी आय को बढ़ा सके.

अपने संघर्षों के दम पर जमीला ने अपने लड़कियों को बेहतर शिक्षा और परवरिश देकर बड़ी बेटी को इंजीनियर बनाया. वहीँ छोटी बेटी को डिप्लोमा कोर्स करा रही है ताकि वह अपने पैरों पर खड़ी हो सके.

Leave a Comment

Translate »
error: Content is protected !!