BY- THE FIRE TEAM
23 मई 2019 को दलित समाज की डॉ पायल तड़वी मुंबई स्थित बिवाईअल नैयर अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर एम एस आब्सटेट्रिक्स एंड गयनेकोलॉजिस्ट थी।
उसकी तीन सीनियर सवर्ण महिला डॉक्टर – डॉ हेमा आहूजा, डॉ भक्ति मेहर और डॉ अंकिता खंडिलवाल लंबे समय से डॉ पायल को तरह-तरह से प्रताड़ित कर रही थीं और जातिगत टिप्पड़ियां भी कर रहीं थीं।
उसे व्हाट्स्प्प पर कई बार जातिसूचक टिप्पणियाँ भेजी गईं, जिसकी स्क्रीनशॉट मिली हैं। इन तरह की तमाम बदमाशियों से तंग आकर डॉ पायल ने आत्महत्या कर ली। जिसको लेकर देश के बहुजन समाज में रोष व्याप्त है।
आज BBAU, लखनऊ के बहुजन छात्र संगठन AUDSU के सैकङो छात्र/छात्राओं एँव बहुजन समाज पार्टी की तेज़तर्रार महिला पदाधिकारी एँव BBAU की पूर्व शोध छात्रा डॉ बेला तुर्के कौशल के नेतृत्व में सैकङो महिलाओं ने डॉ पायल तड़वी के न्याय के लिए आज दिनाँक 29/05/2019 को BBAU विवि के गेट न 3 पर नियर औरंगाबाद खालसा क्रासिंग पर केंद्र सरकार एँव महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ जोरदार विरोध -प्रदर्शन एँव श्रद्धांजलि सभा का आयोजन।
डॉ बेला ने कहा कि जबतक डॉ पायल को न्याय नहीं मिल जाता तब हम सड़को पर विरोध जारी रहेगा। और महाराष्ट्र सरकार तुरन्त तीनो आरोपी मेडिकल छात्राओ पर कठोर कार्यवाही कर कठोरतम सजा दी जाए। जिससे सांस्थानिक भेदभाव एँव जातिवादी अत्याचारों पर लगाम लगाई जा सके।
भारत में मेडिकल-इंजीनियरिंग के संस्थान जातिवाद के सबसे बड़े अड्डे होते हैं। एम्स के हॉस्टल में दलित छात्रों के दरवाजे पर गाली-गलौज लिखने और शौच फेंकने की घटनाएँ भी हुई थीं। उसी दौरान सफदरजंग मेडिकल कॉलेज में कई दलित छात्रों को जान-बूझकर कम अंक देकर फेल करा दिया गया था।
कुछ वर्ष पूर्व हैदराबाद विश्वविद्यालय में होनहार दलित छात्र रोहित वेमुला की जातिगत सांस्थानिक हत्या कर गयी थी। आज़ादी को 70 साल हो गए हैं और मेडिकल से जुड़े कुछ सवर्णों के मन में कितनी जातिगत गंदगी भरी पड़ी है, इसके तमाम क्रूर व वीभत्स उदाहरण भरे हुए हैं।
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