BY- THE FIRE TEAM
गाइडलाइन जारी करते हुए यूजीसी ने सभी कॉलेज, केंद्रीय विश्वविद्यालय और डीम्ड विश्विद्यालयों को खाली पड़े सभी पदों को छह महीनों में भरने का निर्देश दिया है।
मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स एंड डेवलोपमेन्ट के निर्देश पर यूजीसी ने इसी सप्ताह आदेश सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को दे दिया है। साथ ही छह महीनों की समय सीमा के साथ सभी पदों को भरने का निर्देश भी दिया।
आदेश के मुताबिक शिक्षण संस्थानों में खाली पदों की पहचान से लेकर उम्मीदवारों के चयन तक का शेड्यूल जारी किया गया है।
सामान्य और आरक्षित श्रेणी के खाली पड़े पदों पर नियुक्ति के लिए रोस्टर प्रणाली के पालन का भी निर्देश दिया गया है। यूजीसी द्वारा विवि के कुलपतियों को लिखे पत्र में उच्च शिक्षण संस्थानों में गुडवत्तापूर्ण शिक्षण की चिंता की बात कही गयी है।
बता दें कि देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में टीचरों की कमी है, जिसका असर शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ रहा है।
केंद्रीय विश्वविद्यालयों के साथ-साथ डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपतियों और शिक्षण संस्थानों के प्रमुख को इस आदेश पर यूजीसी द्वारा तुरंत अमल करने को कहा गया है। ऐसा न करने की स्थिति में अनुदान वापस लेने की बात कही गयी है।
एक शोध के मुताबिक देश भर के विश्विद्यालयों और कॉलेजों में लगभग 5 लाख पद खली हैं। 48 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में लगभग 5000 पद रिक्त हैं।
यूजीसी ने 15 दिनों की समय सीमा के साथ सभी शिक्षण संस्थानों को आदेश दिया कि रिक्त पड़े सभी पदों की जानकारी इकट्ठा कर 20 जून तक NHERC पोर्टल पर अपलोड करें।
इसके अलावा अगले 15 दिनों में खाली पदों की खाली पदों की विज्ञप्ति जारी कर चयन समिति की गठन से लेके उनकी बैठत की तारीख तक निर्धारित करने को कहा गया है।
यूजीसी द्वारा दिये गए निर्देश के अनुसार चौथे महीने में आये आवेदनों की जांच के साथ शॉर्टलिस्ट किये गए उम्मीदवार को भेजे गए साक्षात्कार पत्र संस्थान की वेबसाइट पर अपलोड हो जाने चाहिए।
वहीं पांचवे महीने में साक्षात्कार के आयोजन करने के बाद अंतिम उम्मीदवार के चयन के लिए आरक्षित किया गया है। और आखिरी छह माह के अंत मे नियुक्ति पत्र जारी किए जाने का निर्देश दिया गया है।
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