BY-THE FIRE TEAM
प्राप्त सूचना के अनुसार उत्तर प्रदेश के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने एक बड़ा कदम उठाते हुए ऐसे लोगों की समस्याओं का हल निकाल लिया है जो अपनी गाड़ी बेचने अथवा नई कार लेने के बाद भी अपना पुराना नम्बर नहीं बदलना चाहते थे वे अब आसानी के साथ इन परेशानियों से बच सकते हैं.
आपको बता दे कि इससे पहले दिल्ली, चंडीगढ़ और महाराष्ट्र राज्यों ने इस क्षेत्रों में कदम बढ़ा चुके हैं. अगर यह नियम पूरे देश में लागू हो जाता है तो आप अपनी पुरानी कारों का नंबर अपनी नई कार के लिए यूज़ कर पाएंगे.
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार ये व्यवस्था बिल्कुल वैसे ही काम करेगी जैसे मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी करती है. यानि कि अगर आपने अपनी कार को बेच दिया है तो अपने उसी पुरानी कार के नंबर को नई कार के लिए यूज़ कर पाएंगे. विभाग पूरी कोशिश में है कि इस नियम को जल्द से जल्द लागू कर दिया जाए.
आधिकारिक रूप से इस नियम के लागू होने के बाद कोई भी अपने नए वाहन को पुराने नंबर पर रजिस्टर कर सकता है जो पहले से ही उनके नाम पर होगा, भले ही उस व्यक्ति ने पुराने वाहन को किसी और के हाथों बेच दिया हो.
इसकी सबसे खास बात ये होगी कि वाहन पंजीकरण संख्या पोर्टेबिलिटी सभी प्रकार के वाहनों के लिए उपलब्ध होगी और इसे एक श्रेणी से दूसरी श्रेणी में भी ट्रांसफर किया जा सकता है.
इतना ही नहीं अपने स्कूटर या मोटरसाइकिल के नंबर को भी आप कार का नंबर बना सकते हैं. हालांकि अभी तक इस पोर्टेबिलिटी पर खर्च होने वाली रकम के बारे में शासन द्वारा कोई जानकारी नहीं दी गई है.
लेकिन जानकारों का मानना है कि वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर को पोर्ट करवाने के लिए दोपहिया वाहन पर 20,000 रुपये और चार पहिया वाहन पर तकरीबन 50,000 रुपये का खर्च आ सकता है. लेकिन अभी इस बारे में कोई भी आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है.