BY– THE FIRE TEAM
मैंग्रोव पर्यावरण के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हैं। यह न केवल प्रदूषण को कम करते हैं बल्कि और भी कई तरह से पर्यावरण को फायदा पहुंचाते हैं।
अब खबर मिल रही है कि मुम्बई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए मुम्बई के इलाके में 54000 मैंग्रोव काटे जाएंगे। यह पौधे 13.36 हेक्टेयर भूमि में फैले हैं।
शिव सेना के द्वारा उठाए गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए यह जानकारी राज्य परिवहन मंत्री दिवाकर राउते ने दी।
बुलेट ट्रेन जापान के सहयोग से बनाई जा रही है। जो कि एक लाख करोड़ का कुल प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट के लिए पैसा जापान एक एजेंसी देगी।
इस प्रोजेक्ट के लिए अभी भी पूरी जमीन अधिग्रहण नहीं की जा सकी है। यही कारण है कि यह प्रोजेक्ट काफी लंबा खिंचता जा रहा है।
मैंग्रोव के बारे में– यह एक प्रकार के पेड़ या पौधे होते हैं, जो खारे पानी में तटीय क्षेत्र में पाए जाते हैं। ये उष्णकटिबंधीय के साथ-साथ उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में भी मिलते हैं।
मैंग्रोव उस क्षेत्र में पाई जाने वाली अनेक प्रजातियों को शरण उपलब्ध कराते हैं। अनेक शैवालों तथा मछलियों द्वारा जड़ों का प्रयोग आश्रय के लिए होता है। यही नहीं ये सूर्य की पराबैंगनी-बी किरणों से बचाता है। यह कार्बन डाइऑक्साइड को वातावरण से घटाने का काम भी करते हैं।
भारत में कुल मैंग्रोव का क्षेत्र केवल 4628 वर्ग किमी में है। जो कि विश्व के कुल क्षेत्र का तीन प्रतिशत है। भारत में सबसे ज्यादा मैंग्रोव पश्चिम बंगाल में पाए जाते हैं। गुजरात दूसरे स्थान पर है।
मैंग्रोव विश्व के लगभग 118 देशों में पाए जाते हैं 75 प्रतिशत से ज्यादा मैंग्रोव विश्व के केवल 15 देशों में ही मिलते हैं। एशिया महाद्वीप विश्व का सबसे ज्यादा मैंग्रोव क्षेत्र कवर करता है।
इंडोनेशिया का स्थान मैंग्रोव के मामले में प्रथम है। विश्व के टॉप 20 देश में भारत का स्थान नहीं है।