BY-THE FIRE TEAM
मिली सूचना के मुताबिक केरल राज्य में आयोजित हो रहे अंतर-रास्ट्रीय फिल्म महोत्स्व में दिखायी जा रही डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के क्रम में आनंद पटवर्धन के फिल्म ‘विवेक’ को कानून और शांति व्यव्स्था भंग होने की आशंका को देखते हुए उसके प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है.
आपको बता दें कि यह डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘विवेक’ दक्षिणपंथी उग्रवादी हिंसा और दलित आंदोलन पर आधारित है. यह फिल्म एक साथ कई घटनाओं के कलेवर को अपने अंदर समाहित किये हुए है जिसकी शुरुआत नरेंद्र दाभोलकर तथा गोविन्द पानसरे की हत्याओं से होती है.
और अंत उत्तर प्रदेश राज्य के दादरी में घटी एक घटना जिसमे एखलाक नाम के एक मुस्लिम व्यक्ति को गोमांस (बीफ) रखने के शक में भीड़ द्वारा मार डाला जाता है.
इसके अतिरिक्त इस फिल्म में दलित राजनीति के उथान और दलित नेताओं के उभार को भी दिखाने का प्रयास किया गया है. इस फिल्म पर लगे प्रतिबंध के विषय में कई अख़बारों ने बताया है मसलन द हिंदू ने लिखा है-
“केरल राज्य चलचित्र अकादमी ने विवेक फिल्म की स्क्रीनिंग 24 जून के बजाए 26 जून तक के लिए स्थगित कर दिया है ताकि अंतिम समय में फिल्म को दिखाने की अनुमति मिल जाये.”
वहीं टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने लिखा कि- “सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा अनुमति देने में देरी करने के कारण क़ानूनी सहायता लेकर इसको प्रदर्शित किया जायेगा क्योंकि इसके निदेशक पिछले बीस दिनों से आर्डर के इंतजार में हैं.”
फिल्म फेस्टिवल के निदेशक ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए यह भी कहा है कि- चूँकि फ़िल्म बहुत पहले से यू ट्यूब पर चल चुकी है ऐसे में अनुमति न मिलने की बात समझ से पर लग रही है.
उन्होंने सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा की जा रही मनमानी का भी हवाला दिया है क्योंकि अमूमन डॉक्यूमेंट्री फिल्म के प्रदर्शन के लिए सेंसर बोर्ड की अनुमति की आवश्यकता नहीं पड़ती है. हाँ इतना जरूर है कि केंद्रीय एवं प्रसारण मंत्रालय को इसकी सूचना देनी होती है.